अंतर्राष्ट्रीय

Putin-MBS के एक साथ, अमेरिका यूरोप की हालत खराब- सरेंडर करेगा यूक्रेन!

Russia and Saudi Arabia: अमेरिका ने रूस को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ा। यूक्रेन हमले के बाद से अमेरिका और नाटो ने मिलकर रूस को हर तरफ से तोड़ने का प्रयास किया। यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायाता प्रदान कर रहा है तो दूसरी ओर रूस के खिलाफ कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाया ताकि वो आर्थिक रूप से टूट जाए और जंग में उसकी हार हो। लेकिन, उसका सारा दाव उलटा पड़ गया है। प्रतिबंधों का सबसे ज्यादा असर पश्चिमी देशों पर ही पड़ा। बाकी जो बचा था वो अब रूस ने सऊद अरब और ओपेक प्लस (Russia and Saudi Arabia) के 24 देशों के साथ मिलकर पूरा कर दिया। ओपेक प्लस के 24 देशों ने जो तेल उत्पादन में कटौती का फैसला लिया है उससे अमेरिका की कमर टूटने वाली है। कहां तो जो बाइडन सऊदी अरब को मनाने गए थे और कहां अब वो अकेले पड़ गये हैं। अमेरिका की ओर से तेल उत्पादन कम न करने की तमाम अपीलों को दरकिनार करते हुए सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओपेक देशों ने रूस (Russia and Saudi Arabia) के स्टैंड का ही साथ दिया है। इन देशों ने प्रति दिन 2 मिलियन बैरल तेल उत्पादन कम करने का फैसला लिया है। अमेरिका की तमाम कोशिशों के बाद भी सऊदी अरब अपने फैसले पर अड़ा हुआ है।

यह भी पढ़ें- Zelensky के लिए नई आफत बना रूस का खुंखार कमांडर, कहा- धरती से मिटेगा यूक्रेन!

अमेरिका की कमर तोड़ने पर अड़ा है सऊदी अरब
उधर पाकिस्तान भी सऊदी अरब का ही समर्थन कर रहा है। ऐसे में रूस की लॉबी मजबूत होती नजर आ रही है और पावर गेम में अमेरिकी बैकफुट पर है। बुधवार को अमेरिकी प्रेस सचिव ने कहा कि जो बाइडेन सऊदी अरब के साथ रिश्तों की समीक्षा करने वाले हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि ओपेक और उसके सहयोगी देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती का फैसला लेने एक गलती होगा और यह दूरगामी फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे रूसियों को ही फायदा होगा। दुनिया भर में कच्चे तेल के दामों में कटौती के बीच इसी महीने ओपेक में शामिल 13 देशों और रूस के नेतृत्व वाले 11 देशों ने मिलकर कटौती का फैसला लिया है। कुल मिलाकर 24 देशों ने प्रति दिन 2 मिलियन बैरल उत्पादन कम करने का फैसला लिया है। कोरोना काल के बाद से तेल उत्पादन में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती होगी। अमेरिकी प्रेस सचिव कैरीन जीन ने कहा, ‘ओपेक प्लस देशों ने बीते सप्ताह जो फैसला लिया है, वह रूसियों की मदद करेगा और अमेरिकी लोगों के हित प्रभावित होंगे। दुनिया पर इसका असर होगा।

यह भी पढ़ें- Putin के झटके को सह नहीं पायेगा यूरोप! सऊदी प्रिंस की US को धमकी, बोले- हमें डराना मत

अमेरका के खिलाफ 24 देश हुए एकजुट
अमेरिकी प्रेस सचिव कैरीन जीन ने कहा है कि, अेमरिका के अलावा यह कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाला फैसला है। यह एक गलती है। बता दें कि तेल और गैस के दामों में लगातार गिरावट का हवाला देते हुए ओपेक प्लस देशों ने 5 अक्टूबर को यह फैसला लिया था। इस फैसले ने अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्ते भी बिगाड़ दिए हैं, जो लंबे समय से एक-दूसरे को दोस्त करार देते रहे हैं।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago