Saudi Arabia on America: अमेरिका को इससे बड़ा झटका क्या होगा कि अब उसे सऊदी अरब (Saudi Arabia on America) भी धमकी दे रहा है। वैसे सऊदी अरब जो अमेरिका (America and Saudi Arebia) के सामने सीना तान कर खड़ा है इसके पीछे रूस का हाथ हैं। अमेरिका को पता भी नहीं चला और पुतिन ने पूरा गेम पलट दिया। अमेरिका को लगा था कि, रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाकर वो उसके तेल के बजाय ओपेक देशों से खरीदेगा लेकिन, बाइडन को क्या पता था कि उनका सारा दाव उलटा साबित होगा। अमेरिका कई बार सऊदी अरब को धमकी भी दे चुका है लेकिन, इस बाद सऊदी प्रिंस ने साफ तौर पर यूरोप (Saudi Arabia on America) का नाम लेते हुए धमकी दी है कि, हम जिहाद के लिए बने हैं, हमें डरा नहीं सकते पश्चिमी देश। इससे अब साफ हो गया कि, अमेरिका जो चाहता था कि, ओपेक तेल उत्पादन बढ़ा दे वो होने वाला नहीं है। उलटा हुआ यह कि ओपेक ने तेल उत्पादन में कटौती कर दी है। जिसके बाद अमेरिका संग पूरे पश्चिमी देश हाई टेंशन में है। इसका असर अभी तो नहीं है लेकिन, आने वाले दिनों काफी ज्यादा देखने को मिलने वाला है। ये सारा खेल रूस का है। दरअसल, रूस चाहता है कि, ओपेक तेल में कटौती करे ताकि पश्चिम में उसके गैस की मांग बढ़े।
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रूस के झटके से यूरोप में मच जाएगा हाहाकार
इस बार अमेरिका और सऊदी अरब के बीच रिश्ते पहले से ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं। क्योंकि, सऊदी अरब साफ तौर पर धमकी दिया है। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के भाई ने सऊदी अरब को ‘चुनौती’ देने वालों को धमकी दी है। यह धमकी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उस चेतावनी का जवाब है जिसमें उन्होंने ओपेक तेल उत्पादन में कटौती के ‘नतीजे भुगतने’ की बात कही थी। ‘पश्चिम’ को धमकी देते हुए सऊद अल-शालान ने एक वीडियो में कहा, ‘जो भी किंगडम के अस्तित्व को चुनौती दे रहे हैं… हम जिहाद और शहादत के लिए ही बने हैं।’ कुछ दिनों पहले ओपेक प्लस समूह ने तेल उत्पादन में 20 लाख बैरल प्रतिदिन कटौती की घोषणा की थी जिससे वॉशिंगटन और रियाद के बीच तनाव बढ़ गया था।
A video on social media shows a Saudi prince, Saud al-Shaalan, commenting on the West’s backlash against the Opec+ output cut announced last week and what he described as a “challenge to the existence of the kingdom”. pic.twitter.com/DeAAZzBdBj
— Middle East Eye (@MiddleEastEye) October 16, 2022
सऊदी अरब ने कहा- सुनो पश्चिम किंगडम को धमकी नहीं
उधर अमेरिका भी आरोप लगाता है कि सऊदी अरब इस वक्त रूस के साथ मिला हुआ है और पुतिन का सहयोग कर रहा है। वैसे आने वाले समय में अगर अमेरिका और सऊदी अरब के बीच दूरी बढ़ती है तो अमेरिकियों को महंगी गैस खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। सीएनएन के साथ अपने एक इंटरव्यू में बाइडन ने कहा था कि उन्होंने रूस के साथ जो किया है उसके नतीजे उन्हें भुगतने होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति की चेतावनी का जवाब देते हुए सऊदी प्रिंस ने कहा, ‘पश्चिम के लिए मेरा जवाब है… जो कोई भी इस किंगडम के अस्तित्व को चुनौती दे रहा है, हम सभी जिहाद और शहादत के लिए ही बने हैं। मेरा यह संदेश उन सभी के लिए है जो सोचते हैं कि वे हमें डरा सकते हैं।’ सऊदी अरब ओपेक प्लस समूह का सबसे प्रमुख सदस्य है और रूस भी इसमें शामिल है। अमेरिका का आरोप है कि, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद के लिए ही सऊदी अरब ने तेल उत्पादन में कटौती करने का फैसला लिया। ऐसे इसलिए ताकि, रूसी गैस पर निर्भरता ज्यादा बढ़ जाए और इससे पुतिन को सीधा फायदा होगा।