Sheikh Hasina: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत के दौरे पर आ रही हैं। शेख हसीना 5 से 8 सितंबर तक भारत का दौरा करेंगी और इस दौरान वो नई दिल्ली में राजकीय यात्रा पर जाएंगी। प्रधानमंत्री संग बातचीत के दौरान कई मंत्री, सलाहाकार, सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद होंगे। इसके साथ ही बांग्लादेश के बड़े बिजसमैन भी पीएम मोदी से मिलेंगे। ऐसे में ये बात तो साफ है कि, शेख हसीना (Sheikh Hasina) का भारत दौरान यू ही नहीं है। दरअसल, बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था चीन के चक्कर में लड़खड़ा गई है। यहां भी चीन कर्ज जाल में फंसा लिया है और बांग्लादेश भारत का पड़ोसी देश है। ऐसे में हसीना और पीएम मोदी के बीच दोनों देशों को लेकर कई सारी मुख्य चीजों पर हस्ताक्षर हो सकता है। दोनों देशों के बीच व्पायार को लेकर भी कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
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पीएम मोदी संग कई अहम मुद्दों पर होगी बात
भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को 50 साल पूरे हो चुके हैं। पीएम मोदी खुद शेक हसीना का स्वागत करेंगे और उन्हें औपचारिक रुप से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। शेख हसीना महात्मा गांधी को राजघाट पर श्रद्धांजलि देंगी। वो भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ से भी मिल सकती हैं। इसके बाद वो हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। इसके साथ ही पीएम मोदी द्वारा आयोजित राकीय भोज में भी भाग लेंगी। वहीं, इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई करारों और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने की भी संभावना है। शेख हसीना तीन साल के लंबे अंतराल के बाद भारत आर रही है। यह यात्रा बांग्लादेश और भारत दोनों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दोनों मित्र देशों के बीच सहयोग के नए द्वार खुलेंगे।
भारत से ऐसा नाता की कभी भूल नहीं सकेंगी शेख हसीना
वैसे भी शेख हसीना का भारत से एक ऐसा खास नाता है जिसे वह चाहकर भी नहीं भूला पाएंगी। ये बात है सन् 1971 की जब बांग्लादेश बना। दरअसल, ये जंग भारत और पाकिस्तान के बीच हुई और बांग्लादेश बना। उस वक्त बांग्लादेश पाकिस्तान के कब्जे में था और पाक सेना का जुर्म लगातार बढ़ते जा रहा था। 30 हजार लोगों को रातों रात मौत की नींद सुला दिया गया। ऐसे में भारत आगे आया और बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराया। इसी जंग में भारतीय सेना ने शेख हसीना और उनके पूरे परिवार की जान बचाई थी। इस बात का जिक्र कई बार हसीना भी कर चुकी है। यहां तक कि कई रिटायर्ड भारतीय सैनिकों ने भी इस बारे में बताया है।
कर्नल तारा की चाल के आगे फेल हुई पाकिस्तान सेना
ये कहानी है है भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल अशोक तारा की जो सामने खड़े पाकिस्तान सेना के जवानों को ऐसा चकमा दिया कि उन्हें पता ही नहीं चला और उनके चंगुल से शेख हसीना और उनके पूरे परिवार को बचा लिया। 1971 की जंग के समय अशोक तारा की उम्र बस 29 साल थी और वह सेना के एक युवा ऑफिसर के तौर पर तैनात थे। वो अब भी याद करते हैं कि, सिर्फ दो जवानों की मदद से वो शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के पूर्व पीएम शेख मुजीब-उर-रहमान के परिवार की सुरक्षा की थी। शेख हसीना उस समय अपने नवजात बच्चे के साथ पिता के धनमोंदी स्थित घर पर थीं। उनके घर के बाहर पाकिस्तान सेना के जवान पहरा दे रहे थे।
पाकिस्तान आर्मी ने किया था सरेंडर
कोई भी घर के अंदर दाखिल होता उसे गोली खानी पड़ती। जब कर्नल तारा अंदर घुसने की कोशिश किए तो उन्होंने पाकिस्तान सेना ने रोक कर एक जर्नलिस्ट की लाश दिखाई। कर्नल तारा के पास सिर्फ दो जवान वो कोई ऐसी चाल चलना चाहते थे जिससे उनकी चाल की भनक भी न लगे और शेख हसीना का परिवार भी बच जाए। हमला वो इसलिए नहीं करना चाहते थे क्योंकि, ऐसा करते ही हसीना परिवार खतरे में आ जाता है। उनके दिमाग में आइडिया आया और उन्होंने अपना और जवानों का हथियार छोड़ आगे बढ़ गए और जब घर के करीब पहुंचे तो उने रोक कर गोली मारने तक की धमकी दी है। तब उन्होंने कहा कि, वह एक इंडियन आर्मी ऑफिसर हैं और पाकिस्तान आर्मी ने सरेंडर कर दिया है।
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कर्नल तारा को देखते ही शेख हसीना की मां ने कहा भगवन के बेटे हैं
बस ये सुनते ही पाकिस्तान के सैनिक गाली देना शुरू कर दिए उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था, कि ऐसा हुआ है। लेकिन, कर्नल तारा को आसमान में भारतीय हेलिकॉप्टर दिखी उन्होंने उस ओर इशारा करते हुए देखने के लिए कहा। इसके बाद जवान थोड़ा शांत हुए। इतनी देर में कर्नल गेट तक पहुंचे हालांकि, तभी उन्हें पिछे से उनके शरीर पर राफइल छूता हुए महसूस हुआ। लेकिन, वो इसके बाद भी, मुजीब-उर-रहमान से बात करते रहे। वह थोड़ा घबरा गए थे लेकिन मिशन उनके लिए जान से भी ज्यादा कीमती थी। 25 मिनट तक रहमान से बात चल चुकी थी तभी पाकिस्तानी सेना के कमांडरों ने बंदूकों को लोड करने का आदेश दे दिया। जवानों को दूसरे घरों पर फायरिंग का ऑर्डर भी मिला था। लेकिन, कर्नल तारा वहीं खड़े रहे, उन्होंने पाक जवानों से कहा कि, वह कुल 12 लोग हैं और अगर उन्हें कुछ हुआ तो पाकिस्तानी सेना के जवान अपने घर नहीं पहुंच पाएंगे। इसके बाद उन्होंने पाक सेना को भरोसा दिलाते हुए कहा कि, वो सरेंडर कर देंगे तो सही सलामत हेडक्वार्टर जाएंगे और वहां से पाकिस्तान भेज दिए जाएंगे। इसके बाद पाकिस्तान जवानों ने उनके सामने सरेंडर कर दिया। जब शेख हसीना की मां ने दरवाजा खोला तो उनकी मां ने कर्नल तारा को देखते ही कहा कि, भगवान के बेटे हैं जिन्हें जान बचाने को भेजा गया था। शेख हसीना की मां ने जो से जय बंग्ला का नारा लगाया और पाकिस्तानी झंडे को पैर से कुचल दिया।
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