एक बड़ी खबर आ रही है। यह खबर सरकार, जनता, इंडस्ट्रीज और बाजार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अच्छी खबर है। इस खबर का ऐलान मोदी सरकार ने नहीं किया है। न ही किसी बड़े विपक्षी नेता ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया है। ये ऐलान दुनिया भर मे मैनेजमेंट कंसलटेंसी से लिए मशहूर कंपनी मैकेंजी एण्ड कंपनी (McKinsey) के सीईओ बॉब स्टर्नफेल्स ने किया है। बॉब स्टर्नफेल्स ने कहा है कि आने वाला दशक ही नहीं बल्कि आने वाली सदी भारत की है। मैकिन्सी एंड कंपनी (McKinsey) के सीईओ बॉब स्टर्नफेल्स ने कहा, भारत दुनिया की भविष्य की प्रतिभा का कारखाना होगा क्योंकि 2047 तक दुनिया की कामकाजी आबादी का 20 प्रतिशत हिस्सा होगा। मैकेंजी (McKinsey) के सीईओ के इस बयान से चीन को मिर्ची लगी है।
अभी हाल ही में ग्लोबल ग्रोथ के इंडिकेटर्स आए हैं उनमें 13.5 फीसदी ग्रोथ के साथ भारत दुनिया में पहले नम्बर है। ये इंडिकेटर्स 2022-23 की पहली तिमाही के हैं। इसमें फ्रांस 0.5 फीसदी ग्रोथ के साथ पर दूसरे नम्बर है। जबकि चीन मात्र 0.4 फीसदी ग्रोथ के साथ तीसरे नम्बर है।
मैकिन्जी एंड कंपनी (McKinsey) के सीईओ बॉब स्टर्नफेल्स ने कहा कि यह न केवल भारत का दशक होगा, बल्कि भारत की सदी भी होगी। भारत में डेवलेपमेंट के सभी प्रमुख तत्व मौजूद हैं। एक बड़ी कामकाजी आबादी, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की पुनर्कल्पना करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियां इस समय भारत में ही हैं। भारत एक देश बन चुका है जो डिजिटल पैमाने पर छलांगें लगा रहा है। इससे न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए, बल्कि दुनिया के लिए कुछ विशेष हासिल होगा।
स्टर्नफेल्स ने कहा कि मैकिन्जी (McKinsey) के सीईओ बॉब स्टर्नफेल्स ने ने भारत के लिए एक “अनुपातिक प्रतिबद्धता” की योजना बनाई है और इसलिए दिसंबर में इसका वैश्विक बोर्ड देश में आने वाला है। फर्म के भारत में 5,000 लोग हैं, एक संख्या जिसे वह दोगुना करके 10,000 करना चाहता है।
कोरोना के बाद जहां दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई हैं वहीं भारत की अर्थव्यवस्था ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मैकेंजी का कहना है कि भारत टेलैंट्स की फैक्ट्री है। भारत के प्रतिभावान युवाओं ने दिखा दिया है कि वो कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए यह कहना कि अगला दशक भारत का होगा गलत है बल्कि सही बात तो यह है कि अगली सदी तक दुनिया का कोई भी देश भारत का मुकाबला नहीं कर सकता। डिजिटाइजेशन से भारत की क्षमताएं अपार हो चुकी हैं। इसका योगदान केवल भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में ही नहीं बल्कि दुनिया को आगे बढ़ाने में होगा। बॉब स्टर्नलेस ने कहा कि इसी साल दिसंबर में मैकेंजी के ग्लोबल बोर्ड की एसेंबली भारत में ही होगी। इस समय भारत में मैकेंजी के 5000 कर्मचारी हैं। जिसे अगले साल बढ़ाकर 10 हजार किया जा रहा है।
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मैकेंजी के सीईओ का यह भी कहना है कि कुछ लोगों को आशंका है कि दुनिया में जंग के हालातों से वैश्विक मंदी का दौर आ सकता है, लेकिन सप्लाई चैन के विकल्प भी सामने आ रहे हैं। इसलिए यह कहना वैश्विक मंदी का दौर आएगा ही- यह कहना पूरी तरह से सही नहीं होगा। फिर भी आशंकाएं मिश्रित कही जा सकती हैं।
(ET मे प्रकाशित मैकेंजी के CEO बॉब स्टर्नलेस के इंटरव्यू पर आधारित अंश)
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