अब तक आपने श्रीलंका, पाकिस्तान के कर्ज के डिफॉल्ट करने के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका (America) भी कर्ज का भुगतान करने में डिफॉल्ट कर सकती है। यह कहना है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का जिसने यह चेतावनी दी है। आईएमएफ का कहना है कि अमेरिका अपने कर्ज को चुकाने में डिफॉल्ट करता है तो इसका असर केवल अमेरिका पर ही नहीं बल्कि इसका खामियाजा पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को उठाना पड़ सकता है। आइएमएफ के अनुसार जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी कर्ज के मुद्दे पर एक समझौता करने में विफल रहे, जिसने पूरे विश्व को आर्थिक चिंता की आग में झोंक दिया है।
आइएमएफ चीफ क्रिस्टलिना जार्जीवा ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को इंगित करते हुए कहा कि “जिस जहाज पर हम सभी यात्रा करते हैं” वह संभावित अमेरिकी डिफ़ॉल्ट के चलते डूबने के कगार पर है। इसके परिणामों के बारे में अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में लगातार सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि “अमेरिकी ट्रेजरी बाजार वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए स्थिरता का लंगर है। “आप लंगर और विश्व अर्थव्यवस्था को खींचते (चलाते) हैं। जिस जहाज (अर्थव्यवस्था रूपी जहाज) पर हम सभी यात्रा करते हैं वह अस्थिर है और इससे भी बदतर अज्ञात जल (संकट) है, जो हमे डुबाने के लिए लहर मार रहा है।”
पूरी दुनिया के लिए America ने पैदा किया खतरा
जार्जीवा ने कहा कि अमेरिका(America) का यह डिफ़ॉल्ट सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि यह अनिवार्य रूप से अमेरिका और विश्व अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक संकुचन का कारण होगा। यह खास करके उन अर्थव्यवस्थाओं पर “सदमे पर झटका” है जिन्होंने हाल ही में कोरोनोवायरस जैसी महामारी के बाद से उबरना शुरू किया है और जो अवांछनीय रूस-यूक्रेन के कारण बदहाली झेलने को मजबूर हुए हैं। बता दें कि व्हाइट हाउस और रिपब्लिकन हाउस के स्पीकर केविन मैककार्थी के बीच ऋण सीमा गतिरोध पर बातचीत पिछले एक हफ्ते से चल रही है, दोनों पक्षों ने प्रगति के संकेत दिए हैं, लेकिन अभी तक तथाकथित “एक्स-डेट” से पहले एक समझौते पर नहीं पहुंचे हैं। अब अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने शुक्रवार को उस तारीख को 1 जून के पहले के अनुमान से बढ़ाकर 5 जून कर दिया।
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