ताइवान (Taiwan Army) ने अपने देश के सभी नागरिकों के लिए सैन्य प्रशिक्षण जरूरी कर दिया है। चीन इस वक्त आमने सामने हैं। चीन लगातार ताइवान पर कब्जा करने के लिए दबाव बना रहा है। जिसे लेकर विश्व भार में हलचल पैदा हो गई है। ये तनाव अमेरिका नेताओं के लगातार ताइवान दौरे के बाद और ज्यादा बढ़ गया। ऐसे में ताइवान (Taiwan Army) ने भी चीन के खिलाफ अंपनी जंगी तैयारी तेज करते हुए सभी युवाओं के लिए सैन्य ट्रेनिंग अनिवार्य कर दिया है। ये ताइवान आर्मी (Taiwan Army) की ओर से उठाया गया बड़ा कदम है। दरअसल, ताइवान पर दबाव बनाने के लिए चीन लगातार उसके क्षेत्रों में घुसकर सैन्यभ्यास कर रहा है। ऐसे में ताइपे ने भी ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
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मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, तनाव के बीच ताइवान में सभी युवाओं को अनिवार्य सैन्य ट्रेनिंग दी जाएगी। ताइवान सरकार की ओर से सेना में भर्ती होने के लिए शारीरिक अनिवार्यता में भी अहम बदलाव किया गया है। युवकों की लंबाई में भी छूट दी गई है। पहले सेना में भर्ती के लिए 157 सेंटीमीर लंबाई जरूरी हुआ करती थी जिसे घटाकर अब 155 सेंटीमीटर कर दिया गया है। इसके साथ ही नए बदलाव के बाद यह तय कर दिया गया है कि सेना में भर्ती के लिए किसी तरह की बीमारी का बहाना नहीं चलेगा। मेडिकल बोर्ड ही इस संबंध में जांच करेगा कि मेडिकल आधार पर सेना की ट्रेनिंग से किसे छूट देनी है और किसे नहीं। साथ ही सेनी की नॉर्मल ट्रेनिंग का समय भी चार महीने से ज्यादा होगा। इस सैन्य ट्रेनिंग के दौरान लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी और साथ ही चीन से युद्ध के हालात में आम लोग चीनी सेना का सही तरीके से मुकाबला कर सकें उस हिसाब की ट्रेनिंग दी जाएगी।
बदा दें कि, अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन बुरी तरह भड़का हुआ है। पहले तो चीन ने कहा था कि अगर पेलोसी ताइवान यात्रा पर आती हैं तो वो हमला कर सकता है। लेकिन, उनकी सफल यात्रा के बाद से चीन इतना ज्यादा बौखला गया कि वो ताइवान के क्षेत्रों में घुसकर सैन्यभ्यास कर अमेरिका को अपनी ताकत दिखा रहगा है। उधर अमेरिका का कहना है कि, वो हर हाल में ताइवान की मदद करेगा। ताइवान में पेलोसी की यात्रा के बाद अमेरिकी अधिकारियों की यात्रा और ज्यादा बढ़ गई है। अब अमेरिका के इंडियाना प्रांत के गवर्नर एरिक होलकोम्ब ने सोमवार को ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के साथ मुलाकात की। होलकोम्ब के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, एरिक होलकोम्ब चार दिवसीय यात्रा पर रविवार शाम ताइवान पहुंचे थे। यह यात्रा आर्थिक आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित होगी, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर के मामले में।
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गौरतलब हो कि, चीन स्व-शासित द्वीप को अपना क्षेत्र बताता है और साथ ही विदेशी सरकारों के साथ किसी भी आदान-प्रदान को अपने दावे के उल्लंघन के रूप में देखता है। राष्ट्रपति साई ने बैठक से पहले भाषण में तनाव को स्वीकर करते हुए दोनों के रिश्तों का स्वाग किया। उन्हों ने कहा कि, ताइवान जलडमरूमध्य में और उसके आसपास चीन की ओर से सैन्य खतरों का सामना कर रहा है। इस समय लोकतांत्रिक सहयोगियों को एकसाथ खड़ा होना चाहिए और सभी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
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