थियानमेन चौक नरसंहार भला दुनिया कैसे भूल सकती है। चीन ने अपने ही लोगों के ऊपर टैंक चढ़ा कर उन्हें कुचल दिया था। अब ऐसा लगता है कि चीन फिर से इतिहास दोहराने जा रहा है। क्योंकि, इस निहत्थे लोगों के आगे चीन ने एक बार फिर से सड़कों पर टैंक उतार दिया है। आगे बढ़ने से पहले थियानमेन चौक नरसंहार के बारे में जान लेते हैं। दरअसल, जून 1989 में पेइचिंग के थियानमेन चौक पर लाखों की संख्या में लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारी इकट्ठा हुए थे। इसमें बड़ी संख्या में छात्र और मजदूर भी शामिल थे। ये विरोध प्रदर्शन कम्यूनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव और सुधारवादी हू याओबांग की मौत के बाद शुरू हुए थे। हू याओबांग को चीन की तत्कालीन सरकार ने राजनीतिक और आर्थिक नीतियों में विरोध के कारण पद से हटा दिया था। जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। छह हफ्ते तक चले इस प्रदर्शन को कुचलने के लिए चीन की सेना ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे निहत्थे नागरिकों पर टैंकों को चढ़वा दिया जिसमें करीब दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। अब चीन अपना यही इतिहास फिर से दोहारने जा रहा है। क्योंकि, चीन की शी जिंगपिंग सरकार ने अपनी मिलिट्री को सड़कों पर आक्रोशित जनता के सामने टैंक उतारने का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद चीन की सड़कों पर भारी मात्रा में टैंक तैनात किए गए हैं।
चीन ने तैनात किया आक्रोशित भीड़ के आगे टैंक
अब चीन के वर्तमान टैंक तैनात वाले खबर पर आते हैं। दरअसल, चीन में बड़ा बैंकिंग संकट खड़ा हो गया है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि, कई बैंकों ने अपने ग्राहकों के पैसे निकालने पर रोक लगा दी है। लोग अपने ही खाते से पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में हजारों लोग सड़कों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक भी हो गया है। जनता के आक्रोश को देखते हुए शी जिनपिंग सरकार इतनी डर गई है कि बैकों के आस-पास टैंक तैनात कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि, चीनी बैंक के सामने भारी मात्रा में टैंक तैनात किए गए हैं।
छोटे देशों को कर्ज जाल में फंसाने वाला खुद फंस गया चीन
ये कहावत 'जैसी करनी वैसी भरनी' चीन के ऊपर बिल्कुल फिट बैठती है। क्योंकि, चीन पिछले कुछ सालों से छोटे देशों को अपने कर्ज जाल में फंसा कर उनके खुफिया और जरूरी जगहों पर कब्जा कर रहा है। श्रीलंका में जो इतना बड़ा आर्थिक संकट आया हुआ है इसके पीछे चीन ही रहा है। चीन के कर्ज जाल में फंसा श्रीलंका पूरी तरह बरबाद हो गया है। पाकिस्तान का भी यही हाल है। कई और देश हैं जिन्होंने चीन से कर्ज लिया था उनकी भी स्थिति धीरे-धीरे खराब होती जा रही है। लेकिन, चीन को अंदाजा भी नहीं था कि छोटे देशों को कर्ज में फंसाने के बाद उसका भी यही हाल होगा। दुनिया के सामने चीन अपनी कमजोरी को छुपा रहा है लेकिन, आज आलम यह है कि वो कंगाल हो चुका है। बैकों में पैसे ही नहीं बचे हैं। ऐसे में अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए चीन सरकार चीनीयों के आवाज को दबाने के लिए टैंक का सहारा ले रही है।
🚨🚨🚨🚨Breaking news🚨🚨🚨🚨
Tanks are being put on the streets in China to protect the banks.
This is because the Henan branch of the Bank of China declaring that people's savings in their branch are now 'investment products' and can't be withdrawn.
🔊sound pic.twitter.com/cwTPjGz84K
— Wall Street Silver (@WallStreetSilv) July 20, 2022
लोगों को अपने ही खाते से पैसे निकालने से मनाही
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर बताया जा रहा है कि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) ने सड़कों पर बैंक के बाहर टैंक्स तैनात कर दिए हैं। जैसे ही हेनान प्रांत की ओर से कहा गया कि, उनकी ब्रांच में डिपॉजिट 'इनवेस्टमें प्रॉडक्ट्स' को निकाला नहीं जा सकता, वैसे ही लोगों में हलचल मच गई। टैंक्स की तैनाती के बाद लोग इसे थियानमेन चौक नरसंहार से तुलना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगो प्रतीक्रियाएं भी दे रहे हैं। एक यूजर का कहना है कि, इतिहास खुद को दोहराता है। एक अन्य यूजर ने लिखा है कि, मैं सोच रहा हूं कि क्या होगा अगर टैंक ऑपरेटर भी अपना पैसा न निकाल पाएं तो क्या होगा।
चीन का गायब हुआ 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर
दावा किया जा रहा है कि, 40 बिलियन युआन यानी करीब 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर चीन के बैंक सिस्टम से गायब हो गए हैं। जिसके बाद लोग अपनी बचत निकालने की मांग करते हुए वरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ताइवान पर हमला कर चीन में मिलाने वाली शी जिंगपिंग की सरकार अंदर से इतनी खोखली हो चुकी है इसका अंदाजा किसी को नहीं था। कई रिपोर्ट पहले भी आ चुकी हैं कि चीन जो दिखा रहा है वो है नहीं। उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह गिरी हुई है अब यह सही साबित होता नजर आ रहा है।