2 महीने से चल रही Ukraine-Russia जंग 2 दिन में हो जाएगी खत्म, देखें किस देश के राष्ट्रपति ने क्यों किया ये बड़ा ऐलान

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पहले कई बार Ukraine-Russia जंग खत्म कराने का ऐलान कर चुके टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान ने एक बार फिर कहा है कि 48 घण्टे के भीतर यह जंग खत्म हो जाएगी। तैयप एर्दोगान ने यह दावा भी किया है कि पुतिन इंस्ताबुल में जेलेंसकी से मुलाकात के लिए रजामंद हो गए हैं। इन दोनों नेताओँ के मिलने के बाद बहुत सारे विवादों का निपटारा अपने आप हो जाएगा।</p>
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वैसे भी रूस को जो हासिल करना था वो कर चुका है। यूक्रेन 80 फीसदी से ज्यादा बर्बाद हो गया है। यूक्रेन की रीढ़ टूट चुकी है। अमेरिका या नाटो जिंदगी भर मदद नहीं कर सकते, अगर मदद जारी भी रखी तो यूक्रेन कभी स्वतंत्र विदेश नीति नहीं बना पाएगा। अगर यूक्रेन विदेशी दबाव और प्रभाव से मुक्त रहना चाहता है तो उसे खुद ही फैसले लेने होंगे।</p>
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यूक्रेन पर रूसी हमले को दो महीने का समय हो गया है, लेकिन दोनों देशों के बीच जंग लगातार जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की दावा कर रहे हैं कि रूस लगातार स्टील कारखानों पर बमबारी कर रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा- हमें उम्मीद है कि अगले 48 घंटे में रूस और यूक्रेन के बीच जंग थम जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष जल्द मिलकर समस्या को सुलझाएंगे। हम दोनों देश के नेताओं के संपर्क में हैं।</p>
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इधर, यूनाइटेड नेशन्सके जनरल सेक्रेटरी एंटोनियो गुटेरेस मंगलवार को मॉस्को जाएंगे। वे वहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। ‘कीव इंडिपेंडेंट’के मुताबिक, गुटेरेस गुरुवार को यूक्रेन भी आएंगे। वे वहां राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात करेंगे।</p>
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रूस-यूक्रेन जंग में जहां चीन रूस की मदद कर रहा है, वहीं ताइवान ने यूक्रेन का समर्थन करते हुए करीब 8 मिलियन डॉलर यानी 611 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। इस रकम का इस्तेमाल वहां हॉस्पिटल और मेडिकल सर्विसेस को फिर से शुरू करने के लिए किया जाएगा।</p>
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चीन की रूस को मदद के मुकावले यूक्रेन को ताईवान की मदद ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है, मगर ताईवान का जज्वा चीन को टक्कर देने से काफी बढ़ जाता है। हालांकि, रूस ने सीधे कभी ताईवान का विरोध नहीं किया लेकिन रूस वन चाईना पॉलिसी को दृढ़ता से पालन करता है। वन चाईना पॉलिसी को तो अमेरिका भी मानता है लेकिन ताईवान के साथ अमेरिका रक्षा समझौता है। इसका मतलब है कि अगर कोई देश ताईवान पर हमला करेगा तो अमेरिका अपनी सेना सहित ताईवान की हर संभव मदद करेगा। अमेरिका, यूक्रेन को भी मदद कर रहा है लेकिन यूक्रेन के साथ अमेरिका का कोई रक्षा समझौता नहीं है। इसलिए अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य साजो-सामान तो दिया लेकिन फौज नहीं दी।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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