अंतर्राष्ट्रीय

रूस ने यूक्रेन से छीने खेरसान-झेपोरिज्झिया-डोनबास देखते रहे गए जेलेंस्की

Two Ukraine Cities joined Russia: रूस-यूक्रेन युद्ध का असली विलेन पुतिन नहीं बल्कि जेलेंस्की हैं। दुनिया के सामने मासूम बने फिर रहे जेलेंस्की के चलते ही ये युद्ध हुआ और अब रुकने का नाम नहीं ले रहा है। फिलहाल पुतिन ने जेलेंस्की को ऐसा झटका दिया है जिसके सदमें से उन्हें उठने में काफी समय लगेगा। रूस ने जब भी युद्ध की रणनीति में बदलाव किया है तब-तब जेलेंस्की को गहरा जख्म दिया है। अब रूस ने यूक्रेन के क्षेत्रों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादोमीर पुतिन ने यूक्रेन के सबसे महत्वपूर्ण दो क्षेत्रों (Two Ukraine Cities joined Russia) को अधिकारिक तौर पर रूस में शामिल कर लिया है। इसके लिए क्रेमलिन में एक भव्य आयोजन किया गया है। रूस ने कहा है कि इन इलाकों में ‘जनमत संग्रह’ (Two Ukraine Cities joined Russia) कराया गया था इसके बाद यह फैसला लिया गया है। रूस ने खेरसोन और झेपोरिज्झिया और डोनबास को शामिल कर लिया है।

यह भी पढ़ें- Ukrian का एक चौथाई हिस्सा रूस में हो गया शामिल, देखते रह गए जेलेंस्की!

यूक्रेनियों की पसंद रूस
यूक्रेन में रूसी नियंत्रण वाले क्षेत्रों में मंगलवार को हुए जनमत संग्रह के बाद मॉस्को ने दावा किया था कि निवासियों ने अपने क्षेत्रों के औपचारिक रूप से रूस का हिस्सा बनने के लिए भारी समर्थन किया था। रूस के नियंत्रण वाले दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन के चार हिस्सों को शुक्रवार को औपचारिक रूप से देश में (रूस में) शामिल किए जाने की घोषणा के बाद क्षेत्र में सात महीने से जारी युद्ध एक नये खतरनाक मोड़ पर पहुंचने की आशंका है।

ये युद्ध जेलेंस्की और पश्चिमी देशों की देन
जेलेंस्की की नाटो वाली रट और पश्चिमी देशों की चाल इस जंग के लिए जिम्मेदार है। दुनिया के सामने पश्चिमी देश रूस को विलेन पता रहे हैं। एक तरफा खबरों को दिखा रहे हैं। सारी चीजें रूस के खिलाफ हैं और हो भी क्यों नहीं। क्योंकि एक मात्रा रूस ही ऐसा महाशक्तिशाली देश है जो अमेरिका की सुपर पावर वाली जगह ले सकता है जो अमेरिका हरगिज नहीं होने देता। यही कारण है कि अमेरिका पश्चिमी देशों के साथ मिलकर यूक्रेन को गोला-बारूद, हथियार, बंदूक, मिसाइलें, ड्रोन, तोप, टैंक से लेकर हर एक चीज दे रहा है जिससे वो इस जंग को जारी रख सके और रूस को तोड़ सके। साथ ही आर्थिक रूप से भी पूरी तरह मदद मिल रही है। लेकिन, इसके बाद भी रूस इनपर भारी पड़ा हुआ है।

आईएन ब्यूरो

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