UAE Kashmir Pakistan:आर्थिक बदहाली से बुरी तरह जूझ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। आलम यह है मुल्क में महंगाई ने बरसों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, और पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू कम होती जा रही है। दरअसल, पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार बेहद कम बचा है। इसी के साथ विदेशी कर्ज बढ़कर 130 अर्ब डॉलर जा पहुंचा है, बिगडते हालात की वजह से जीडीपी में वृद्धि नहीं हो पा रही। इतना ही नहीं अगर यहाँ व्यवस्था जल्द नहीं सुधारी गईं तो ये मुल्क दिवालिया हो जाएगा। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पिछले दिनों खाड़ी के मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए थे। इस दौरान शहबाज ने जब यूएई से कर्ज की भीख मांगी तो दोस्त सऊदी अरब संग मिलकर यूएई ने कर्ज नहीं देकर शहबाज शरीफ को न केवल झटका दिया बल्कि कश्मीर के लिए खजाना खोलकर पाकिस्तान की दुखती रग पर चोट कर दी है।
बता दें, पहली बार यूएई का एम्मार ग्रुप कश्मीर में 500 करोड़ रुपये का भारी भरकम निवेश करने को तैयार है। इसके तहत 250 करोड़ में एक विशाल मॉल और जम्मू तथा श्रीनगर में आईटी टॉवर का निर्माण किया जाएगा। दुबई की चर्चित कंपनी एम्मार पहली ऐसी विदेशी कंपनी बन गई है जो 10 लाख वर्ग फुट इलाके में विशाल मॉल बनाने जा रही है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद यह अपनी तरह का पहला निवेश है। यह जम्मू कश्मीर में अपनी तरह का पहला महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। इस मॉल के अंदर 500 दुकानें होंगी। यह साल 2026 में शुरू हो जाएगा। गौरतलब है यूएई इस निवेश से जहां न केवल कश्मीर का विकास होगा बल्कि भारत और यूएई के बीच रिश्ते भी बेहतर होंगे।
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UAE कश्मीर में करेगा 1 अरब डॉलर का निवेश
जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ हुए समझौते के तहत यूएई करीब 1 अरब डॉलर का निवेश कश्मीर में करने जा रहा है। इसके तहत औद्योगिक पार्क, एक मेडिकल कॉलेज, एक हॉस्पिटल, लॉजिस्टिक सेंटर, आईटी टॉवर और मल्टीपरपज टॉवर शामिल हैं। एक तरफ जहां यूएई ने कश्मीर के लिए खजाना खोल दिया है, वहीं पाकिस्तान को अब कर्ज देने से तौबा कर लिया है। इससे पहले शहबाज अपने दौरे पर यूएई से कर्ज के लिए गुहार लगाई थी। दरअसल, यूएई और सऊदी अरब दोनों ही पाकिस्तान को फिर से कर्ज देने से मन चुरा रहे हैं। शहबाज शरीफ के दौरे पर यूएई ने भारत के साथ अपने मजबूत होते रिश्ते की ओर इशारा कर दिया था। पाकिस्तान और यूएई के बीच जारी संयुक्त घोषणा पत्र में कश्मीर का जिक्र नहीं किया गया था।
यूएई के खिलाफ कुछ नहीं बोल पा रहे शहबाज
इससे पहले ऐसा कहा जाता था यूएई ने बाजवा के समय के भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए पर्दे के पीछे से बातचीत कराई थी और इसके बाद दोनों के बीच फिर से संघर्ष विराम हुआ था। पाकिस्तान को यूएई ने बहुत सा कर्ज दे रखा है। यही नहीं हजारों पाकिस्तानी यूएई में काम करते हैं जो विदेशी मुद्रा भेजते हैं।
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