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Ukrain-Russia जंग के 14वें दिन बड़ा खुलासा! यूक्रेन में बन रहे थे अमेरिकी जैविक हथियार, युद्ध तेज होगा या शांत- कल होगा फैसला

रूस की जड़ में अमेरिका बना रहा था Bio-Weapons

रूस-यूक्रेन के बीच जंग के 14वें दिन सनसनीखेज जानकारियां सामने आई हैं। रूस ने कहा है कि युद्ध के दौरान यूक्रेन विभिन्न शहरों में 30 से ज्यादा जैविक लैब्स सामने आई हैं। इन लैब्स में यूक्रेन जैविक हथियार तैयार कर रहा था। यूक्रेन को इन जैविक हथियारों की तैयारी के लिए 200 बिलियन डॉलर दिए गए हैं। रूस के सरकारी मीडिया के अनुसार पुतिन को इन लैब्स की जानकारी मिल गई थी। पुतिन कूटनीतिक तौर पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंसकी को कई बार संदेश भिजवाया और अमेरिकी हाथों का खिलौना न बनें। इसके बावजूद जेलेंसकी अमेरिका के हाथों में खेलते रहे। जेलेंसकी को यह गुमान हो गया था कि जैविक हथियार बन जाने के बाद वो पुतिन पर भारी पड़ सकते हैं, इसलिए उन्होंने पुतिन से समझौते के बजाए संघर्ष का रास्ता चुना।

बहरहाल, 14वें दिन जहां सनसनीखेज समाचार आए हैं वहीं यह खबरें भी आ रही हैं जेलेंसकी ने एबीसी न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार के बाद एक बार फिर कहा है वो नाटो का मेंबर नहीं बनना चाहते। यूक्रेन नाटो और रूस के बीच तटस्थ भूमिका ही चाहते हैं। खबर यह भी हैं कि पोलैण्ड के गुप्त सैन्य हवाई अड्डे पर हथियारों से लदे हवाई जहाज उतर रहे हैं और गोपनीय रास्तों से ये हथियार यूक्रेन के लड़ाकों के पास पहुंचाए जा रहे हैं। इन्हीं हथियारों की सप्लाई से यूक्रेन की सेना को संजीवनी मिल रही है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका को सीधी चेतावनी दी है कि यदि यूक्रेन को फाइटर जेट दिए गए तो हालात और भी बदतर कर दिए जाएंगे।

रूस और यूक्रेन दोनों की ही सरकारी वेबसाइट्स ने इस बात का भी जिक्र किया है कि जहां जेलेंसकी ने नाटो और रूस के बीच तटस्थ राष्ट्र की भूमिका निभाने की बात स्वीकार कर ली है तो वहीं पुतिन से संकेत दिए हैं कि रूस जेलेंसकी सरकार को अपदस्थ नहीं करना चाहता। हालांकि ये दावे ही हैं क्यों कि औपचारिक तौर पर हुई अभी तक तीन दौर की वार्ता के अनुसार दोनों ही पक्षों में से किसी भी प्रतिनिधि ने ऐसी कोई बात नहीं की है। तीनों ही दौर की वार्ताएं असफल रही हैं। अब चौथे दौर की वार्ता टर्की में गुरुवार को प्रस्तावित है। टर्की के प्रेसिडेंट एर्दोगान ने दावा किया है कि चौथे दौर की वार्ता के बाद युद्धविराम की संभावना है।

युद्ध की विभीषिका में झुलस रहे यूक्रेन में एक तरफ शांति की कोशिशें की जारही हैं तो वहीं अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस पोलैण्ड पहुंच रही हैं। कमला हैरिस का औचक दौरे से इस जंग की आग फिर से भड़क सकती है। ऐसी खबरें भी मिली हैं कि अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ अन्य देशों के वॉलेंटियर्स यूक्रेन की सेना को अपनी सेवाएं देने पहुंच चुके हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि इन वॉलेंटियर्स को यूक्रेन जाने की अनुमति वहां की सरकारों ने दी हैं या नहीं। अगर उन्होंने मिलिशिया के तौर पर अपने पूर्व सैनिक और सैन्य अधिकारियों यूक्रेन जाने की अनुमति दी है तो रूस उसका भी जवाब देगा। नाटो देशों की संयुक्त सेना रैपिड एक्शन फोर्स की वॉर ड्रिल भी रूस-यूक्रेन जंग की आग को हवा दे सकती है।

हालांकि, पोलैण्ड के प्रधानमंत्री….. यूक्रेन को मदद देने के अपने बयान से पलट गए हैं। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को सुखोई फाटर जेट देने का फैसला नाटो करेगा। पोलैण्ड निजी तौर पर यूक्रेन को फाइटर जेट नहीं देगा। इससे पहले पोलैण्ड के प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर अमेरिका उसको अपने एफ16 फाइटर जेट देदे तो वो यूक्रेन को सुखोई जेट रूस के खिलाफ इस्तेमाल के लिए दे सकता है। ऐसा भी बताया गया कि यूक्रेन के 70 पायलट पोलैण्ड में डेरा भी डाले हुए हैं। अमेरिका से कुछ एफ 16 पोलैण्ड के लिए रवाना भी हो चुके, लेकिन बुधवार को पोलैण्ड के प्रधानमंत्री अपने बयान से पलट गए।