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जंग के बीच अपने ही दोस्त America को जेलेंस्की ने दिया बड़ा झटका, बोलें- नहीं यूक्रोन कभी भी

जंग के बीच अपने ही दोस्त America को जेलेंस्की ने दिया बड़ा झटका

रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिया है। तमाम कोशिशों के बाद भी पश्चिमी देश रूस को नहीं रोक पा रहे हैं। इधर रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं और राजधानी कीव पर बड़ा हमला बोला है। जिसके बाद नाटो बौखला उठा है और इसके तीन नेता जायजा लेंगे। यह जंग अब यही नहीं रूकने वाली है आने वाले दिनों में और भी भीषण होने वाली है। क्योंकि, अमेरिका और नाटो यूक्रेन को लेकर भड़काने का काम कर रहे हैं जिसके बाद रूस संग तकरार और भी बढ़ गई है। दरअसल, NATO 35हजार सैनिकों के साथ मिलिट्री एक्सरसाइज शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि यूक्रेन की मदद के लिए वो इन सैनिकों को जल्द भेजेगा। ऐसे में अगर नाटो यह कदम उठाता है तो यह जंग और भी भीषण हो जाएगी और पुतिन को फिर कोई नहीं रोक पाएगा। अब राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका को बड़ा झटका देते हुए कहा है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा।

दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कई मौकों पर कह चुके हैं कि यूक्रेन का नाटों से जुड़ना उसे पसंद नहीं है, यह रूस की संप्रभुता को खंडित करता है। अब युद्ध के 20वें दिन जब यूक्रेन महात्रासदी झेल रहा है, राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि यूक्रेनियों को यह समझना होगा कि वो नाटो से नहीं जुड़ेंगे। रूसी सेना धीरे-धीरे यूक्रेन की धरती पर कहर बरपा रही है, राजधानी कीव समेत कई शहरों पर रूसी सेना कब्जा करने के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि यूक्रेनी सेना पूरे दम के साथ रूसी सेना के खिलाफ डटे हुए हैं। इस हमले में दोनों तरफ की सेनाओं को भारी नुकसान भी हुआ है। दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की नाटो और पश्चिमी देशों के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। रूसी मीडिया स्पुतनिक के अनुसार, जेलेंस्की ने दावा किया है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा।

रूसी मीडिया की माने तो व्लोदोमीर जेलेंस्की इस युद्ध को लेकर नाटो और पश्चिमी देशों से खासा नाराज चल रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया है कि, वो अब नाटो से नहीं जुड़ने वाले हैं। वहीं, चीन को लेकर आस लगाए अमेरिका को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि, कहा जा रहा है कि चीन अपने दोस्त रूस की सैन्य सहायता तो करेगा ही साथ ही आर्थिक मदद भी करने के लिए तैयार है। अमेरिका युद्ध के बाद से चीन को लगातार मना रहे थे कि वो रूस की मदद न करे। लेकिन, अमेरिका को चीन ने बड़ा धक्का दिया है।