अंतर्राष्ट्रीय

UNO: शहीद हुए शांति सैनिकों के लिए मेमोरियल वॉल को लेकर भारत के प्रस्ताव को मंज़ूरी, पीएम मोदी का राष्ट्रों को समर्थन के लिए आभार

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संयुक्त राष्ट्र ब्लू फ्लैग मिशन पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद शांति सैनिकों के सम्मान में एक स्मारक दीवार स्थापित करने के लिए भारत द्वारा प्रस्तुत एक मसौदा प्रस्ताव को मंज़ूर कर लिया है।

बुधवार को पेश किए गए उस प्रस्ताव को लगभग 190 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों द्वारा समर्थन किया गया और सर्वसम्मति से अपनाया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संगठन के शहीद शांति सैनिकों के लिए एक नयी स्मारक दीवार स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भारत के एक प्रस्ताव को अपनाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया: “प्रसन्नता है कि भारत द्वारा संचालित शांति सैनिकों के लिए एक नई स्मारक दीवार स्थापित करने का संकल्प संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाया गया है। इस संकल्प को रिकॉर्ड 190 देशों का समर्थन मिला। सभी के समर्थन के लिए आभारी हूं।”

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Delighted that the Resolution to establish a new Memorial Wall for fallen Peacekeepers, piloted by India, has been adopted in the UN General Assembly. The Resolution received a record 190 co-sponsorships. Grateful for everyone&#39;s support.</p>&mdash; Narendra Modi (@narendramodi) <a href=”https://twitter.com/narendramodi/status/1669185324772364288?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 15, 2023</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में ‘मेमोरियल वॉल फॉर फ़ॉलन यूनाइटेड नेशंस पीसकीपर्स’ शीर्षक से मसौदा प्रस्ताव पेश किया।

सदस्य देशों की पहल का स्वागत करते हुए कहा गया, “न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक उपयुक्त और प्रमुख स्थान पर शहीद हुए शांति सैनिकों की स्मृति का सम्मान करने के लिए एक स्मारक दीवार स्थापित करने के लिए शामिल तौर-तरीकों पर उचित विचार किया गया, जिसमें उनके नामों की रिकॉर्डिंग भी शामिल है, जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया है।”

इस प्रस्ताव पेश करते हुए सुश्री कंबोज ने कहा कि स्मारक की दीवार इस बात का प्रमाण होगी कि संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को कितना महत्व देता है।

उन्होंने कहा कि यह लोगों को न केवल शहीदों के बलिदानों की याद दिलायेगा, बल्कि “हमारे फ़ैसलों के मूल्यों की निरंतर याद दिलायेगा।”

यह प्रस्ताव बांग्लादेश, कनाडा, चीन, डेनमार्क, मिस्र, फ़्रांस, भारत, इंडोनेशिया, जॉर्डन, नेपाल, रवांडा और यू.एस. सहित 18 देशों द्वारा प्रस्तुत किया गया था।

सुश्री कंबोज ने कहा,”शांति रक्षक पैदा नहीं होते हैं। वे बलिदान की चाक पर गढ़े गए होते हैं। उनकी अटूट प्रतिबद्धता और निस्वार्थ कार्य एक ऐसी दुनिया का मार्ग प्रशस्त करते हैं, जहां संघर्ष पर शांति की जीत होनी चाहिए।”

यह संकल्प निर्धारित करता है कि इस प्रस्ताव को अपनाने के तीन साल के भीतर दीवार का निर्माण पूरा हो जायेगा।

2015 में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक वर्जुअल स्मारक दीवार का शुभारंभ किया था, जो उन भारतीय सैनिकों को समर्पित थी, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के रूप में सक्रिय सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

यह पहल शांति सैनिक मेमोरियल वॉल के अंतिम निर्माण की अग्रदूत थी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के ब्लू फ्लैग के तहत ड्यूटी पर रहते हुए अपनी जान देने वाले संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के सभी सैनिकों को याद करने के लिए एक उपयुक्त तरीक़े के रूप में स्मारक दीवार के निर्माण का प्रस्ताव दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय महासभा सप्ताह के दौरान शांति स्थापना पर नेताओं के शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में उन शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि दी थी, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के उच्चतम आदर्श के बचाव में अपने प्राणों की आहुति दी। ।

पीएम मोदी ने कहा था, “यह सबसे उपयुक्त होगा कि उन शहीद हुए शांति सैनिकों के लिए प्रस्तावित स्मारक की दीवार जल्द से जल्द बनायी जाये। भारत इस उद्देश्य के लिए वित्तीय सहित योगदान देने के लिए तैयार है।”

आईएन ब्यूरो

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