Hindi News

indianarrative

अपाचे हुआ पुराना अमेरिकी सेना में शामिल होगा नया हवाई योद्धा,40 साल में हुई कुछ ऐसी डील

अमेरिकी सेना अपाचे

US Army Apache:अमेरिकी सेना एक बार फिर से एक्शन में आ गयी है। हाल ही में टेक्‍सट्रॉन बेल को अमेरिकी सेना ने लंबी दूरी का अटैक हेलीकॉप्‍टर तैयार करने का जिम्‍मा सौंपा है। महत्वपूर्ण बात यह पिछल‍े 40 सालों में सबसे बड़ी डील है जिसके बाद अमेरिकी सेना की ताकत कई गुना तक बढ़ जाएगी। इस हेलीकॉप्टर को अमेरिकी सेना के लिए अगली पीढ़ी का एयरक्राफ्ट करार दिया जा रहा है। इस डील के बाद अमेरिका सबसे ताकतवर अपाचे हेलीकॉप्‍टर को भी हटाया जा सकता है। साल 2030 तक अमेरिकी सेना को ये हेलिकॉप्‍टर्स मिल जाएंगे। हालांकि ब्‍लैकहॉक हेलिकॉप्‍टर्स को धीर-धीरे हटाया जाएगा।

हर मिशन में रहेगा सफल

इस हेलीकॉप्‍टर को V-280 वेलॉर के तौर पर जाना जाएगा। इस हेलीकॉप्‍टर को आने वाले दिनों में रेकी एयरक्राफ्ट और हवा से लॉन्‍च होने वाले मिशन के लिए प्रयोग किया जाएगा। एडवांस्‍ड टीम को तैयार कर इन हेलीकॉप्‍टर की मदद से हमला किया जा सकेगा। सेना चाहती है कि हेलीकॉप्‍टर करीब चार हजार पांच सौ किलोमीटर से भी ज्यादा तक सफर कर सकें। बिना रि-फ्यूलिंग के इन हेलीकॉप्‍टर्स की मदद से सैनिकों को खतरनाक इलाकों से एयरड्रॉप और एयरलिफ्ट भी किया जा सकेगा। अमेरिकी सेना (us Army) की योजना ऐसे हेलीकॉप्‍टर को तैयार करने में जुटी हुई है जो मुश्किल मिशन को भी आसानी से पूरा कर सकें। साल 2013 में जब सेना ने अपने किओवा वॉरियर हेलीकॉप्‍टर को रिटायर किया था तब से ही उसे ऐसे एयरक्राफ्ट की कमी महसूस हो रही थी। सेना ने तब अपाचे हेलीकॉप्‍टर और शैडो ड्रोन सिस्‍टम की मदद लेनी शुरू की थी।

जानकारी के लिए बता दें, अमेरिकी सेना ने साल 1980 के बाद से कोई हेलीकॉप्‍टर नहीं खरीदा है। उस समय सेना ने दो बड़े हेलीकॉप्‍टर्स खरीदे थे। हालांकि खरीद की कोशिशें कई बार की गईं लेकिन असफल रहीं। साल 20114 में सेना ने बोइंग सिकोरस्‍की RAH-66 हेलीकॉप्‍टर प्रोग्राम को शुरू किया था। लेकिन सात अरब डॉलर खर्च करने के बाद इसे बंद कर दिया गया।

ये भी पढ़े: चीन से निपटने के लिए US का खतरनाक प्‍लान, अमेरिका ने तैनात किया घातक बॉम्बर

लेट हो गया प्रोजेक्‍ट

वेलॉर हेलीकॉप्‍टर को डेवलप करने में एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। पहले इस हेलीकॉप्‍टर को ज्‍वॉइन्‍ट मल्‍टी रोल टेक्‍नोलॉजी डेमॉन्‍स्‍ट्रेशन कहा गया था। इसके बाद दो चरणों में इसे डेवलप करने का काम शुरू किया गया। दिसंबर 2017 में इस हेलीकॉप्‍टर की पहली उड़ान होनी थी। लेकिन कई खामियों की वजह से ये टेकऑफ नहीं कर पाया। जून 2021 में वेलॉर ने 214 घंटों से ज्‍यादा की उड़ान भरी थी। टेस्‍ट पायलट्स अब तक 15 सॉर्टीज को अंजाम दे चुके हैं।