रूस के बाद अमेरिका के निशाने पर पाकिस्तान आ चुका है। अमेरिकी सीनेट में पाकिस्तान को स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म घोषित करने और पाकिस्तान पर रूस जैसे प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव पर सीनेट की विदेश मामलों की समिति जल्द ही फैसला लेने वाली है। ऐसा कहा जा रहा है कि समिति इस प्रस्ताव पर सहमति देने जा रही है। क्यों कि चाहे मामला अफगानिस्तान का हो या फिर अब यूक्रेन-रूस जंग का, पाकिस्तान सरकार ने अभी तक जो कदम उठाए हैं वो अमेरिका के खिलाफ हैं।
अमेरिकी सांसदों ने कहा है पाकिस्तान के साथ सभी तरह के मिलिटरी संबंधों को खत्म किया जाना चाहिए। पाकिस्तान को अमेरिका से सैन्य समझौतों के तहत दी जा रही मदद पर भी रोक लगाने की मांग की है।
अमेरिकी सांसद स्कॉट पैरी ने सदन में एक बिल पेश किया है जिसका मूल उद्देश्य पाकिस्तान आतंकी देश घोषित करने की मांग की है।
स्कॉट पैरी के अलावा दो और सांसदों ने जो बिल पेश किया है उसमें पाकिस्तानी राजदूत मसूद खान के आतंकी गिरोहों से गहरे संबंधों पर चिंता व्यक्त किया है। इन सांसदों ने बाइडन सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्तों पर प्रतिबंध लगाया जाए। इतना ही नहीं अमेरिकी सरकार इन बिलों के माध्यम से पाकिस्तान पर ठीक वैसे ही प्रतिबंध लगाने जा रही है जैसे उत्तर कोरिया, ईरान, सीरिया और क्यूबा पर लगाए गए हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अभी तो अमेरिकी संसद में पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाने की चर्चा शुरू होने से इमरान खान सरकार सकते में आ गई है। दरअसल, पाकिस्तान ने अमेरिका में जिसे अपना राजदूत बनाकर भेजा गया है उसके संबंध कश्मीरी आतंकियों के अलावा दूसरे आतंकी गिरोहों से हैं। इसके सबूत अमेरिका पाकिस्तान को दे चुका है। हाल ही में जिन तीन सांसदों ने सदन में प्रस्ताव पेश किया है उन्होंने पाकिस्तानी राजदूत की अमेरिकी कानून जांच के तहत जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा है पाकिस्तानी राजदूत मसूद खान के संबंध अमेरिका में सक्रिए कट्ट्ररपंथी मुस्लिम समूह और संगठनों से हैं। इन हालातों में मसूद खान की अमेरिका में मौजूदगी खतरनाक साबित हो सकती है।