यूक्रेन इस वक्त रूस के भारी हमले का सामना कर रहा है। रूस अब तक यूक्रेन के कई शहरों को खंडहर बना दिया है। लेकिन, पश्चिमी देशों की ओर से मिल रहे सपोर्ट के चलते यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की हार मानने के लिए तैयार नहीं है। ये जंग नाटो के ही चक्कर में हुई है। न तो पश्चिमी देश यूक्रेन को नाटो में शामिल करने के लिए बोलते और न ही ये जंग शुरू होती है। इसके साथ ही यूक्रेन को पूरी तरह से पश्चिमी देशों की ओर से सपोर्ट भी मिल रहा है। इतने दिनों तक जंग इसलिए संभव है क्योंकि, गोला, बारूद, बंदूक, रॉकेट, मिसाइल, टैंक से लेकर वित्तीय सहायता के साथ ही पूरी तरह से यूक्रेन की मदद की जा रही है। यूक्रेन ही नहीं बल्कि, पूरी पश्चिमी देश से पुतिन अकेले लड़ रहे हैं। नाटो बीच-बीच में इस जंग को भड़काने का काम करता है। अब एक बार फिर से अमेरिका ने कहा है कि, वो यूक्रेन के साथ है और उसे 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता भेजेगा।
रूस लगातार यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहा है। यूक्रेन लगातार अमेरिका और सहयोगी देशों से रूस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है। यूक्रेन के पास रूस के मुकाबले सैन्य हथियारों की भी भारी कमी है। इसी बीच नाटो शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वो यूक्रेन को 80 करोड़ अमेरीकी डॉलर की सुरक्षा सहायता प्रदान करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि नई सहायता में उन्नत वायु रक्षा प्रणाली, काउंटर बैटरी रडार और हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम या एचआईएमएआरएस के लिए अतिरिक्त गोला बारूद शामिल होगा, जिसे प्रशासन पहले ही यूक्रेन भेज चुका है। बाइडेन ने कहा कि आने वाले दिनों में उनके प्रशासन द्वारा पैकेज का औपचारिक रूप से विस्तार किया जाएगा। अमेरिका का यह कदम यूक्रेन पर रूस द्वारा हमलों में और इजाफा कर सकता है। क्योंकि, रूस लगातार कह रहा है कि, जो भी यूक्रेन की मदद करेगा वो उसे नहीं छोड़ेगा।