हाइपरसोनिक मिसाइल वो सुपर एडवांस हथियार होते हैं, जो ध्वनि की गति से पांच गुना ज्यादा गति में चलते हैं। इसे लेकर अमेरिका का कहना है कि, अब भारत इस क्षेत्र में काफी आगे हो गया है। इसके साथ ही अमेरिका ने कहा कि, भारत हमसे भी आगे हो गया है। साथ ही चीन और रूस को भी इस क्षेत्र में अमेरिका ने अपने से आगे बताया है।
अमेरिका के एक टॉप सांसद सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के अध्यक्ष जैक रीड ने कहा कि, एडवांस तकनीक के क्षेत्र में अब अमेरिका उतना प्रभावशाली नहीं है, जबकि चीन, भारत और रूस ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी में काफी तरक्की कर ली है। उन्होंने कहा कि, हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हम तकनीक संबंधी सुधार कर रहे हैं। कभी तकनीक के क्षेत्र में हमारा वर्चस्व हुआ करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी में स्पष्ट रूप से चीन, भारत और रूस ने काफी तरक्की कर ली है। रीड ने कहा है कि हम दुनिया के इतिहास में पहली बार त्रिपक्षीय परमाणु प्रतियोगिता का सामना करने वाले है। अब यह द्विपक्षीय नहीं है। मुकाबला अब सोवियत संघ और अमेरिका के बीच नहीं है। अब मुकाबला चीन, रूस और अमेरिका के बीच है।
बता दें कि, चीन, भारत, रूस और अमेरिका सहित कई देश हाइपरसोनिक हथियार टेक्नोलॉजी को और एडवांस करने में जुटे हुए हैं। पिछले साल अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के उपाध्यक्ष जनरल जॉन हायटेन ने कहा था कि, चीन किसी दिन अमेरिका पर अचानक परमाणु हमला कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह तक कहा था कि, चीनी हाइपरसोनिक मिसाइल ने पूरी दुनिया का चक्कर लगाया है।
हाइपरसोनिक मिसाइल के बारे में बात करें तो, ये सुपर एडवांस हथियार होते हैं, जो ध्वनि की गति से पांच गुना ज्यादा गति में चलते हैं। भारत इस क्षेत्र में काफी आगे हो चुका है। इन मिसाइलों की स्पीड 6500 किलोमीटर प्रतिघंटा तक होती है। इनकी गति और दिशा में बदलाव करने की क्षमता इतनी ज्यादा सटीक और तकतवार होती हैं कि इन्हें ट्रैक करना और मार गिराना बहुत मुश्किल है।