Hindi News

indianarrative

भारत-Russia की दोस्ती से बौखलाया America तो चली ये बड़ी चाल? जानें F-35 फाइटर जेट प्‍लान

अमेरिका ने एफ-35 को एरो इंडिया में भेजा

भारत में जारी एरो इंडिया 2023 (Arrow India 2023) में न केवल एशिया का सबसे बड़ा आयोजन है बल्कि अब यह रणनीतिक बाजियों का भी मैदान बन गया है। अब इस प्रोग्राम के दौरान अमेरिका ने अपने सबसे एडवांस्‍ड फाइटर जेट एफ-35 को भी भेज दिया है। यानि एफ-35, यहां पर एफ-16, सुपर हॉर्नेट्स और बी-1बी बॉम्‍बर्स के बीच मौजूद है। यह अपने आप में काफी खास है क्‍योंकि अभी तक बॉम्‍बर्स को इस तरह से डिस्‍प्‍ले के लिए नहीं भेजा गया था। रक्षा मामलों के जानकारों की मानें तो अमेरिका ने भारत को रूस से दूर करने के लिए अच्‍छी चाल चली है। जी हां, रूस, भारत का सबसे बड़ा सैन्‍य आपूर्तिकर्ता है और दोनों देशों की नजदीकियों से अक्‍सर अमेरिका परेशान रहता है।

अमेरिका से आई अच्छी खासी टीम

दरअसल, भारत पिछले कई सालों से सोवियत दौर के फाइटर जेट्स को अपग्रेड करने की कोशिशों में लगा हुआ है। अपने हवाई बेड़े की ताकत में इजाफा करने के मकसद से इन कोशिशों को पूरा किया जा रहा है। वहीं भारत को इस बात की वजह से भी खासी चिंता है कि यूक्रेन की जंग की वजह से रूस से आने वाली सप्‍लाई में देरी हो रही है। दूसरी ओर पश्चिमी देशों की तरफ से भी रूस से दूर होने का दबाव उस पर बढ़ रहा है।

भारत को मिलेगा एफ-35?

अमेरिका एफ-35 को बेचेगा या नहीं, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। इस जेट को लेकर उसका नजरिया काफी सीमित है। इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है कि भारत को इसकी पेशकश की जाएगी या नहीं। लेकिन भारत में अमेरिकी दूतावास में डिफेंस अटैशे रीयर एडमिरल माइकल एल बेकर की तरफ से बताया गया है कि भारत अभी इस पर विचार कर रहा है कि वह यह जेट खरीदेगा या नहीं। विचार-विमर्श अभी शुरुआती दौर में हैं। बोइंग F/A-18 हॉनेट्स जेट्स, भारतीय नौसेना के लिए जेट की रेस में शामिल थे। वहीं लॉकहीड मार्टिन का एफ-21 जो एफ-16 का अपग्रेडेड वर्जन है, भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए उसकी पेशकश की गई है। 20 अरब डॉलर वाले इस प्रोजेक्‍ट के जरिए 114 फाइटर जेट्स खरीदने की योजना थी। मगर पिछले पांच सालों से यह प्रोजेक्‍ट अटका पड़ा है।

ये भी पढ़े: तबाही का दूसरा नाम है महाबली B-1B  बॉम्‍बर!भारत में क्‍यों शक्ति प्रदर्शन कर रहा US?

अमेरिका रच रहा कोई बड़ा खेल?

रूस और भारत की करीबियों से परेशान अमेरिका, भारत को अपनी तरफ करने की कोशिशें कर रहा है। रूस की सरकारी न्‍यूज एजेंसी की तरफ से बताया गया है कि पिछले पांच सालों में रूस की तरफ से 13 अरब डॉलर वाले हथियारों की सप्‍लाई की मंजूरी दी जा चुकी है। साथ ही 10 अरब डॉलर के ऑर्डर भी उसके पास हैं। इसके बाद ही अमेरिका की तरफ से भारत को छह अरब डॉलर की लागत से हथियारों बेचने की अनुमति दी गई। पिछले छह सालों में इतने हथियार सप्‍लाई किए जाएंगे।