Putin on Ukraine War: रूस को यूक्रेन (Russia-Ukraine War) जंग इतना जल्दी खत्म नहीं होने वाला है। 10 महीने बाद भी ये युद्ध समाप्त नहीं होता दिख रहा है। इतने महीने में पुतिन (Putin on Ukraine War) की सेना ने यूक्रेन में जो तबाही मचाई है वो नर्क से कम नहीं है। यूक्रेन का कोई शहर नहीं बचा है जहां पर हमला न हुआ हो। लेकिन, जेलेंस्की अब भी पश्चिमी देशों के सपोर्ट से अकड़ में हैं। अब जंग के बीच ही रूस ने ऐलान किया है कि, देश केसैन्यकर्मियों की संख्या 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख की जाएगी। रूस के रक्षा मंत्री ने कहा है कि, देश के सैन्यकर्मियों की संख्या अब 15 लाख बढ़ाई जाएगी। वहीं, इस जंग को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin on Ukraine War) ने कहा है कि, यूक्रेन में जारी स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन हम ही जीतेंगे।
हर हाल में यूक्रेन की होगी हार!
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने बुधवार को कहा कि इसमें 6,95,000 स्वयंसेवी अनुबंधित सैनिक शामिल होने चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि सेना यह संख्या कब तक बढ़ाने की योजना बना रही है। यूक्रेन युद्ध के कारण रूसी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचा है। इसकी भरपाई के लिए रूस पहले से ही बड़े पैमाने पर सैनिकों की भर्ती की योजना बना रहा था। इस बीच व्लादिमीर पुतिन (Putin on Ukraine War) ने कहा है कि यूक्रेन में जारी स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन हम ही जीतेंगे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यूक्रेन में ऑपरेशन से रूसी सेना की कमियों का पता चला है। रूस का साफ संदेश पश्चिमी देशों और यूक्रेन को है कि वो कमजोर नहीं बल्कि मजबूत हो रहा है। अब पश्चिमी देशों के लिए सोचने वाली बात है कि, यूक्रेन की मदद कर वो खुद को और उसे बरबाद करते हैं या फिर वो इस जंग को समाप्त करना चाहते हैं। यूक्रेन के लिए मुश्किलों का दौरा शुरू होने वाला है। क्योंकि, पुतिन ने जो कहा है वो बात काफी मायने रखती है। साफ है कि रूसी आर्मी कोई नई और बड़ी प्लानिंग के साथ यूक्रेन पर धावा बोलेगी।
रूस की ताकत में होगा भारी इजाफा
रूसी रक्षा मंत्री शोइगू ने कहा कि फिनलैंड और स्वीडन की उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने की योजना के मद्देनजर रूसी सेना देश के पश्चिम में नई इकाइयां स्थापित करेगी। रक्षा मंत्री ने यह जानकारी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच एक बैठक के दौरान दी। जल्द ही सैनिकों की भर्ती के आदेश वाली डिक्री पर पुतिन हस्ताक्षर कर सकते हैं। इसके बाद रूस के अलग-अलग इलाकों में सैनिकों की भर्तियां आयोजित की जाएंगी।
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