अंतर्राष्ट्रीय

पुतिन का ये हमला दुनिया बदल देगा, भारत से लेकर अफ्रीका तक मचेगा हाहाकार

Putin Ukraine Grain Deal: दुश्मन को चित करने और अपनी ताकत दिखाने के लिए आज तोप, टैंक, मिसाइल, लड़ाकू विमान, पनडुब्बी, युद्धपोत वगैरह ही हथियार नहीं हैं। बल्कि इस बीच अनाज भी एक बड़ा हथियार है। खाद्यान्न आज जियोपॉलिटिक्स का बहुत बड़ा औजार है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को अब गेहूं का हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने जा रहा है, जिसकी आंच पूरी दुनिया महसूस करेगी। रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक देश है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पहले से ही ग्लोबल फूड सप्लाई गड़बड़ाई हुई है। अब एक बार फिर काला सागर में रूस के एक ऐलान से दुनिया फिर से सहमी हुई है। रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन के साथ अनाज समझौते से पीछे हट रहा है। यही नहीं व्‍लादिमीर पुतिन की सरकार ने धमकी दी है कि काला सागर में यूक्रेन के बंदरगाह की ओर बढ़ते जहाजों को वह सैन्‍य जहाजों के रूप में देखेगा। रूस के इस ऐलान के बाद अब दुनियाभर में गेहूं के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं।

दरअसल, अमेर‍िका ने आरोप लगाया है कि रूस यूक्रेन के मालवाहक जहाजों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है। वहीं पुतिन ने कहा है कि अगर उनकी मांगों को मान लिया जाता है तो वह तुरंत अनाज समझौते पर वापस लौट आएंगे। पुतिन ने मांग की है कि रूस के कृषि बैंक को वैश्विक पेमेंट सिस्‍टम से जोड़ा जाए। इस बीच रूस के यूक्रेन पर भीषण हमले जारी हैं। अनाज समझौते को लेकर यूक्रेन ने दुनिया से मदद की गुहार लगाई है। इस बीच रूस के ऐलान के बाद यूरोपीय स्‍टॉक एक्‍सचेंज में गेहूं की कीमत एक दिन में ही 8.2 प्रतिशत बढ़ गई है।

यूक्रेन का 60 हजार टन अनाज नष्‍ट

वहीं मक्‍के की कीमत में भी 5.4 फीसदी की बढ़ोत्‍तरी हुई है। यूक्रेन गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में आता है। यूक्रेन के कृषि मंत्री मयकोला सोलस्‍की ने कहा है कि रूसी हमले में 60 हजार टन अनाज नष्‍ट हो गया है। इसके अलावा गेहूं को निर्यात करने का आधारभूत ढांचा भी तबाह हो गया है। रूस ने इस समझौते से हटने के तुरंत बाद मंगलवार को यूक्रेन के बंदरगाहों को निशाना बनाया था जहां से गेहूं का निर्यात किया जाता था। अगर यह डील फिर से शुरू नहीं होती है तो भारत से लेकर अफ्रीका तक इसका व्‍यापक असर देखा जाएगा। यही नहीं अफ्रीकी देशों में भुखमरी की स्थित‍ि पैदा हो सकती है।

ये भी पढ़े: रूस ने यूक्रेन पर फोड़ा अनाज बम,Putin के फैसले से बढ़ी टेंशन,दुनिया में आएगा रोटी का संकट

तुर्की की मदद से रूस-यूक्रेन में हुई थी डील

वहीं रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, रूस काला सागर के पानी से यूक्रेनी बंदरगाहों तक जाने वाले सभी जहाजों को ‘सैन्य माल के संभावित वाहक’ के रूप में मानेगा। बुधवार को रूस की ओर से कहा गया कि ‘काला सागर पहल की समाप्ति और समुद्री मानवीय गलियारे में कटौती के कारण, काला सागर में यूक्रेनी बंदरगाहों के रास्ते में आने वाले सभी जहाजों को 20 जुलाई रात 12 बजे से सैन्य कार्गो के संभावित वाहक माना जाएगा। साथ ही इसमें कहा गया है कि काला सागर के अंतर्राष्ट्रीय जल के उत्तर-पश्चिमी और दक्षिणपूर्वी हिस्सों में कई क्षेत्रों को अस्थायी रूप से नेविगेशन के लिए खतरनाक घोषित किया गया है। रूस और यूक्रेन ने जुलाई 2022 में इस्तांबुल में काला सागर अनाज पहल पर तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ अलग से हस्ताक्षर किए थे। इसने यूक्रेन को अपने काला सागर बंदरगाहों से अपने अनाज और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात करने की अनुमति दी।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago