K-25 Missile: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की हाल ही में रूस के सुदूर उत्तर-पूर्व के अंतरिक्ष बंदरगाह वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में पांच घंटे की मीटिंग हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच संभावित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी साझेदारी और सैन्य सहयोग पर चर्चा हुई है। यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण बढ़ते तनाव के बीच पुतिन और किम जोंग उन की बैठक पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय बारीकी से नजर रख रहा है। अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों को इस बात की चिंता है कि उत्तर कोरिया रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन करने के लिए उसे युद्ध सामग्री मुहैया करा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने कथित तौर पर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में संभावित सहयोग का संकेत देते हुए रॉकेट इंजीनियरिंग में गहरी रुचि दिखाई है। यह बैठक वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ रहे दोनों देशों के स्पेस रिसर्च टेक्नोलॉजी में एक नया अध्याय शुरू कर सकती है।
स्पेस टेक्नोलॉजी के अलावा दोनों देश गोला-बारूद, तोप और मिसाइल के आदान-प्रदान पर भी दोनों देशों के बीच सहमति बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं। कनफ्लिक्ट स्टडीज रिसर्च सेंटर में रूस की सेना मामलों के विशेषज्ञ वेलेरी अकिमेंको ने भी इसकी तरफ इशारा किया है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कोरियन स्टडीज के प्रोफेसर किम डोंग यूप ने भी कहा है कि प्योंगयांग संभवतः गोला-बारूद के अलावा रूस को पुरानी मिसाइलें भी दे सकता है। दूसरी तरफ, एशियन इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज के रिसर्च फेलो यांग यूके ने कहा कि यह भी संभव है कि उत्तर कोरिया तथाकथित “सुपर-लार्ज” रॉकेट KN-25 जैसे कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की आपूर्ति भी रूस को कर सकता है।
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रॉकेट KN-25 क्या है?
KN-25 उत्तर कोरिया की कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है, जिसकी मारक क्षमता सीमा 380 किलो मीटर है। पहली बार 25 अगस्त, 2019 को इसका परीक्षण किया गया था। यह “सुपर-लार्ज” बैलिस्टिक मिसाइल मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) और कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के बीच अंतर को कम कर देता है।
KN-25 की खासियतें
KN-25 रॉकेट को चार-ट्यूब व्हील वाले ट्रांसपोर्टर-इरेक्टर-लॉन्चर (TEL) से लॉन्च किया गया था। इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है, इसलिए इसे मोबाइल रॉकेट मिसाइल भी कहा जाता है, जबकि उत्तर कोरियाई मीडिया ने मिसाइल के बड़े आकार और रेंज की वजह से इसे “सुपर-लार्ज” मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) का नाम दिया है, जबकि यूनाइटेड स्टेट्स फोर्सेज कोरिया इस हथियार को कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) के रूप में वर्गीकृत किया है।
पश्चिम में हड़कंप और चर्चा क्यों?
USFK के अनुसार, मिसाइल का व्यास 600 मिमी है। अन्य मिसाइलों की चौड़ाई के अनुपात में KN-25 लगभग 8.6 मीटर लंबा प्रतीत होता है। हालांकि, सरकारी मीडिया द्वारा मिसाइल की लंबाई या मार्गदर्शन प्रणाली पर कोई विशिष्ट जारी नहीं की गई है। मिसाइल को देखने से पता चलता है कि इसके पिछले और अगले हिस्से में चार-चार पंख लगे हैं। साल 2020 में इस मिसाइल ने मात्र 20 सेकंड में 35 किमी ऊंचाई पर 240 किमी दूर जाकर सटीक निशाना साधा था। 2019 में इसने 97 किमी की ऊंचाई पर 380 किमी दूर जाने के लिए 17 मिनट का समय लिया था। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर कोरिया के पास हथियारों का एक बड़ा भंडार हो सकता है क्योंकि 1953 में युद्धविराम के साथ कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद से उसने कोई युद्ध नहीं लड़ा है।