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US के पूर्व विदेश मंत्री की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात के क्या मायने?

US के पूर्व विदेश मंत्री की शी जिनपिंग से मुलाक़ात

US के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर अचानक बीजिंग पहुंच गए और China के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात की। आखिर इस मुलाक़ात के क्या मायने हैं?

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बीजिंग में अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से मुलाक़ात कर सबको चौंका दिया है। दरअसल,उनकी यह मुलाक़ात अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी की चीन में कार्य समाप्ति के बाद हुई है। जिसके बाद अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री का अचानक बीजिंग दौरा हुआ औऱ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात हुई। हेनरी ने ओयुताई स्टेट गेस्टहाउस में चीनी राष्ट्रपति से मुलाक़ात की। इस गेस्ट हाउस में अक्सर चीनी नेता विदेशी मेहमानों से मुलाक़ात करते हैं।

दोनों की बीच हुई मुलाक़ात काफी अहम

बताया जा रहा है कि यह मुलाक़ात किसिंजर की चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी और रक्षा मंत्री ली शांगलू के मुलाक़ात के बाद हुई है,जो काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि इन पर चीन द्वारा रूसी हथियारों की खरीद को लेकर से अमेरिकी प्रतिबंध लगा हुआ है। इस मुलाक़ात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसिंजर को चीनी राष्ट्रपति कितना महत्व देते हैं।

चीन-अमेरिका के बीच सामान्य नहीं हैं रिश्ते

दरअसल, यह मुलाक़ात ऐसे वक्त में हुआ है जब चीन और अमेरिका के बीच संबंध अच्छे नहीं चल रहे हैं। हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर उद्योग को लेकर काफी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है।

वहीं, चीन को ताइवान के साथ अमेरिका की बातचीत नहीं भाती ,क्योंकि बुधवार को चीन की ओर से कहा गया है कि अमेरिका औऱ ताइवान के बीच किसी भी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है।

अमेरिका-ताइवान के रिश्ते का विरोध करता है चीन

इधर ,चीन अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करती है,वहीं किसी भी नाम पर या किसी भी बहाने ताइवान स्वतंत्रता अलगाववादियों की अमेरिकी यात्रा का भी चीन विरोध करता है। साथ ही ताइवान के साथ किसी भी प्रकार के अमिरिकी मिलीभगत का विरोध करता है।

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