फ्रांस में ट्रैफिक जांच के दौरान 17 साल के नाहेल की हत्या का वीडियो सामने आया,जिसके बाद ख़बर फैलते ही फ्रांस में हिंसा भड़क गई। मंगलवार सुबह नाहेल को जब ट्रैफिक के द्वारा जांच के लिए रोका गया तो वो रुका नहीं उसने अपनी मर्सडीज गाड़ी आगे बढ़ा दी। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसे प्वाईंट-ब्लैंक पर गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
अल्जीरियाई मूल का नाहेल अपनी मां का इललौता बेटा था उसके ख़िलाफ कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था। वो टेकअवे डिलीवरी करता था। नाहेल की मौत ने फ्रांस में रहने वालों को झकझोर दिया,और लोगों में इस हत्या के खिलाफ काफी गुस्सा है। पेरिस में लोगों ने बड़े पैमाने पर लगातार तीसरे दिन प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर सड़के ब्लॉक कर दिया और आगजनी की। वहीं, कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के ऊपर पटाखे फेंके। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उनपर पानी की बौछारें डाली। एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने अबतक कुल 1000 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। वहीं, इस हिंसक झड़प में कुल 200 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
नाहेल रग्बी लीग खेलता था।
इधर घटना के बाद से ही नाहेल की मां मौनियां का रो-रो कर बुरा हाल है। मीडिया से बात करते करते फफक कर रो पड़ती है। नाहेल की मां ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि नाहेल रग्बी लीग खेलता था। लोग उनके बेटे से बहुत प्यार करते थे।वहीं नाहेल की मां का कहना है कि उसका पढ़ाई लिखाई में मन नहीं लग रहा था,लिहाजा उसने इलेक्ट्रिशियन बनने के लिए एडमिशन लिया था,लेकिन अटेंडेंस का रिकॉर्ड खराब रहता था। साथ ही नाहेल की मां ने कहा कि मंगलवार को घर से निकलते समय उन्हें चूमकर गया,लेकिन पुलिस की जांच से बचने के लिए भागते समय उसे गोली मार दी गई।
जैसा की नाहेल की मां का कहना है कि नाहेल बचपन से ही रग्बी खेलता था। रग्बी खेल के उस क्लब के प्रेसिडेंट ने एक फ्रेंच मीडिया हाउस को बताया कि नाहेल उन लड़कों में से नहीं था जो ड्रग्स में फंस जाते हैं और अपराध करते हैं।
वहीं, नाहेल की हत्या के बाद फ्रांस में राजनीतिक पार्टी की ओर से भी बयान आने शुरु हो गए हैं। सोशलिस्ट पार्टी की नेता ओलिविएर फ़ॉरे ने पुलिस महकमे के खिलाफ बयान देते हुए कहा है कि रुपने से इनकार पर आपको हत्या का लाइसेंस नहीं मिल जाता। गणतंत्र के सभी बच्चों को न्याय का अधिकार है।
नाहेल की मां मौनियां का कहना है कि जिस पुलिसकर्मी ने उनके बेटे को गोली मारी वो एक अरब का चेहरा देखा ,और एक छोटा बच्चा देखा । और यही सोचकर उसने उसकी जान ली। मौनियां ने फ्रांस के एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि ‘उनके बच्चे की मौत का जिम्मेदार सिर्फ एक पुलिसवाला है,जिसने उसके बेटे पर गोली चलाई। मौनिया ने कहा कि मेरे कई मित्र पुलिससेवा में अधिकारी हैं,और वो पूरी तरह से मेरे साथ हैं।‘
नाहेल की हत्या के विरोध में फ्रांस धधक रहा है। पेरिस के कई हिस्सों में आगजनी,हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुई है। कई जगहों पर नाहेल को न्याय दिलाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किया गया है।
India must send @myogiadityanath to France to control riot situation there and My God,he will do it within 24 hours.
— Prof.N John Camm (@njohncamm) June 30, 2023
वहीं, फ्रांस में मौत के बाद हो रही हिंसक झड़प को रोकने में स्थानीय सरकार फिलहाल जिस तरह नाकाम रही,उसके बाद वहां भी योगी मॉडल की मांग उठने लगी है। स्थानीय शिक्षाविद और प्रोफेसर एन जॉन कैम ने एक ट्वीट करते हुए भारत के योगी सरकार की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि फ्रांस में अगर योगी सरकार होती तो 24 घंटे में हिंसा पर पूरी तरह काबू पा लिया जाता। प्रो. कैम ने भारत सरकार से योगी सरकार को फ्रांस भेजने की मांग की है,उन्होंने कहा कि फ्रांस में योगी सरकार की जरूरत है,जो इस तरह के दंगे से निपटने के लिए कारगर साबित होगा।
जबकि,पुलिस के मुताबिक नाहेल को पिछले दो सालों में पांस बार पुलिस जांच से गुजरना पड़ा था। वो रुपने के आदेश को लगातार ठुकरा रहा था। मंगलवार को जिस कार में वो बैठा था,उसपर पोलैंड की नंबर प्लेट लगी हुई थी,औऱ दो यात्री भी थे। वहीं, पुलिस का कहना है कि फ्रांस में 17 साल की उम्र में ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलता। पुलिस की माने तो पिछले हफ्ते भी उसे कुछ वक्त के लिए हिरासत में लिया गया था,क्योंकि वो सितंबर 2022 में किसी मामले में जुवेनाइल कोर्ट में पेश नहीं हुआ था।