अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद से ही तालिबान अपने कानूनों को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। एक ओर तो देश में मानवीय संकट गहरा चूका है तो दूसरी ओर तालिबान को अपने कानून को लागू करने से फूर्सत नहीं मिल रहा है। खासकर महिलाओं की जिंदगी तो तालिबान ने बद्दर बना दी है। महिलाओं बीना पुरूषों के घर से बाहर नहीं निकल सकती हैं। पश्चिमी कपड़े नहीं पहन सकती हैं। इसके अलावा भी महिलाओँ के खिलाफ कई और सख्त कानून लागू किए गए हैं जो तालिबान के क्रूर चेहरे को दर्शाता है। अब एक बार फिर से तालिबान ने महिलाओं के लिए नया कानून लागू किया है।
दरअसल, तालिबान में अफगान सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं को लेकर धार्मिक पुलिस ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि, महिलाओं को जरूरत पड़ने पर अपने सिर को कंबल से भी ढकना चाहिए या उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अधिकतर महिलाओं को उनकी सरकारी नौकरियों से रोक दिया गया है, हालांकि अफगानिस्तान के नए शासकों का दावा है कि कुछ शर्तों के लागू होने के बाद उन्हें वापस जाने की अनुमति दी जाएगी।
सद्गुणों को बढ़ावा देने और बुराई की रोकथाम के लिए मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि महिलाओं को तब तक काम पर नहीं जाना चाहिए जब तक कि उन्हें ठीक से कवर नहीं किया जाता है, और यदि वे दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें निकाल दिया जा सकता है। मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद सादिक अकिफ मुहाजिर ने स्पष्टीकरण के लिए एएफपी को बताया, वे जिस तरह से हिजाब का पालन करना चाहते हैं, वे कर सकते हैं। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका मतलब है कि उन्हें पूरी तरह से ढका हुआ बुर्का पहनना होगा जिसे तालिबान ने अपने पिछले शासन के दौरान अनिवार्य कर दिया था, तो उन्होंने मना कर दिया।
तालिबान ने अफगानिस्ता में पश्चिमी कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुरुषों को दाढ़ी न बनाने का आदेश दिया है और प्रार्थन करने के लिए जल्दी नहीं करने पर लोगों को पीटा भी जा चूका है। इस बार उसके शासन के एक संस्करण का वादा करने के बावजूद, कुछ सख्त प्रतिबंध वापस आ गए हैं जिसमें महिलाओँ की विशेषता वाले टीवी नाटकों पर प्रतिबंध लगाना और सार्वजनिक रूप से संगीत को मना करना शामिल है।