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World War 3 की ओर बढ़ी दुनिया, यूक्रेन-रूस संघर्ष के बीच अमेरिका ने फोड़ा समुंदर में सुनामी लाने वाला बम- देखें वीडियो

World War 3 Quick Sink Bomb America

यूक्रेन-रूस संघर्ष के बीच अमेरिका के एक कदम ने दुनिया को फिर से तीसरे वर्ल्डवार की चिंता में डाल दिया है। यूक्रेन-रूस संघर्ष में अमेरिका और यूरोप सहित 32 से ज्यादा देश रूस के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह बात अलग है कि उनके बूट्स ऑन ग्राउंड नहीं हैं किंतु यूक्रेन को सैन्य सहायता से सभी 32 देशों से मिल रही है। दरअसल, अमेरिका की सोच है कि यूक्रेन संघर्ष को जितना ज्यादा हो सके उतना लम्बा खींचा जाए जिससे रूस को सैन्य और आर्थिक तौर पर तोड़ दिया जाए। लेकिन अमेरिका को इस रणनीति में सफलता नहीं मिली है।

इसलिए अमेरिका अब सीधे हस्तक्षेप की संभावना पर आगे बढ़ रहा है। इसी योजना के तहत रूस पर जल-थल और नभ तीनों क्षेत्रों में अचूक हमले के लिए अमेरिकी वायुसेना ने रूस के युद्धपोतों को तबाह करने वाले नए स्‍मार्ट बम का परीक्षण किया है। यूएस एयरफोर्स ने एक वीडियो जारी करके दिखाया है कि किस तरह से 900 किलो के नए ज्‍वाइंट डायरेक्‍ट अटैक बम ने एक जहाज को बीच से दो टुकड़े में तोड़ दिया। इस बम नए बम को 'क्विकसिंक' प्रोग्राम के तहत बनाया गया है। इस बम का परीक्षण मैक्सिको की खाड़ी में किया गया है।

इस वीडियो में नजर आ रहा है कि अज्ञात जहाज पानी के अंदर हिल रहा है और संभवत: धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। अमेरिकी एयरफोर्स की शोध प्रयोगशाला इस 'क्विक सिंक' प्रोग्राम को चला रही है। प्रयोगशाला ने द वार जोन को बताया कि यह जहाज एक पुराना कार्गोशिप था लेकिन उसके बारे में और ज्‍यादा डिटेल नहीं दिया। इस जहाज पर एक अमेरिकी वायुसेना अपने 900 किलो केबम को गिराती है। बम के गिरते ही समुद्र में भूचाल सा आ जाता है और जलस्‍तर काफी बढ़ जाता है।

इस बम का असर इतना जोरदार होता है कि जहाज दो टुकड़े में बंट जाता है और देखते ही देखते तेजी से डूब जाता है। इस जहाज पर जब बम गिरता है तो ऐसा लगता है कि यह जहाज पर किसी भारी टारपीडो ने हमला किया। अमेरिकी वायुसेना ने पिछले साल सार्वजनिक रूप से क्विक सिंक प्रोग्राम का ऐलान किया था। अमेरिकी वायुसेना चाहती थी कि उसे ऐसा बम मिले जिसमें टारपीडो की तरह से युद्धपोत को डूबोने की ताकत हो।

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका का क्विकसिंक बम एक मोडिफाइड बम है जो जीपीएस से लैस है। इस बम अगले हिस्‍से पर एक सीकर लगा है जो उसे लक्ष्‍य की पहचान करने में मदद करता है। यह सीकर उसे हर मौसम में सटीक हमला करने में मदद करता है। इस बम की प्रभावी मारक क्षमता 24 किमी है। माना जा रहा है कि जब दुश्‍मन का एयर डिफेंस सिस्‍टम तबाह हो जाएगा तब इस बम का इस्‍तेमाल अमेरिकी वायुसेना रूस के युद्धपोत को डूबोने के लिए करेगी।

कुछ सैन्य विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि क्विकसिंक बम रूस को डराने के लिए है, इसका असली उपयोग चीन के खिलाफ किया जा सकता है। इन्डो पैसिफिक रीजन में चीन अमेरिकी ताकत तो लगातार चुनौती दे रहा है। खुद अमेरिका ने कहा कि इंडो पैसिफिक में चीन की नेवी का मुकाबला अमेरिका अकेले नहीं कर सकता। अमेरिका ने इसी रणनीति के तहत क्वाड को सक्रिए किया। ताईवान स्ट्रेट में अमेरिका चीन पर दबाव लगातार बनाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी वायुसेना क्विकसिंक बस से चीन की नेवी को ध्वस्त करेगी। कहने का अभिप्रायः यह है कि क्विकसिंक का इस्तेमाल रूस के खिलाफ हो या चीन के खिलाफ दुनिया तीसरे वर्ल्ड वॉर की ओर एक कदम और आगे बढ़ चुकी है।