तालिबान ने अफगानिस्तान ने कब्जा तो कर लिया है लेकिन सरकार चलाने के लिए लाले पड़ हुए हैं। आलम यह है दे देश में मानवीय संकट गहराता चला जा रहा है और अब तो लोग दो जून की रोटी के लिए अपनी शरीर के अंगों को भी बेचने पर मजबूर हो गए हैं। तालिबान एक ओर तो यह कह दिया है कि जब तक हालात सही नहीं हो जाते तब तक अब कोई मुल्क छोड़कर नहीं जाएगा। लेकिन ये नहीं बताया कि ये हालात कबसुधरेंगे और वो कैसे करेगा। क्योंकि, तालिबान ने जो आम नागरिकों को लेकर जो वादा किया था उसपर वो खरा नहीं उतरा जिसके चलते यूनाइटेड नेशन ने मान्यता देने से इनकार दिया।
अभी तक तो अफगानिस्ता में लोग खाने के लिए अपने मासूम बच्चों को बेच रहे थे अब अपने अंगो को बेच रहे हैं। बढ़ती तंगहाली से परेशान लोग परिवार चलाने के लिए अपनी किडनी तक बेचने को मजबूर हो गए हैं। कई लोगों का कहना है कि उन्हें अपने बच्चों के भरण पोषण के लिए ऐसा करना पड़ रहा है। बेरोजगार, कर्ज में डूबे और अपने बच्चों को खिलाने के लिए संघर्ष कर रहे नूरुद्दीन ने बताया कि उनके पास किडनी बेचने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि यहां लोग अपने परिवारों को बचाने के लिए एक अंग का त्याग करने को तैयार हैं। नूरुद्दीन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, मुझे अपने बच्चों की खातिर ऐसा करना पड़ा। मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था। अफगानिस्ता में केवल नूरुद्दीन ही नहीं बल्कि कई और लोग हैं जिन्हें अपनी किडनी बेचने को मजबूर होना पड़ा है।
नूरुद्दीन ने आगे बताया इस संकट से हताश होकर उन्होंने शॉर्ट टर्म फिक्स के तौर पर एक किडनी बेच दी। उन्होंने कहा, मुझे अब इसका पछतावा है। मैं अब काम नहीं कर सकता। मुझे दर्द हो रहा है और मैं कुछ भी भारी नहीं उठा सकता। बता दें कि नूरुद्दीन का परिवार अब पैसे के लिए अपने 12 साल के बेटे पर निर्भर है, जो एक दिन में 70 सेंट (करीब 49 रुपये) के लिए जूते पॉलिश करता है। एजेंसी के मुताबिक, नूरुदीन उन आठ लोगों में शामिल थे, जिनसे एएफपी ने बात की थी, जिन्होंने अपने परिवार का पेट भरने या कर्ज चुकाने के लिए एक किडनी बेच दी थी. कुछ ने तो 1500 डॉलर (1,13,524 रुपये) में अपनी किडनी बेच दी।
"If I don't sell my kidney, I will be forced to sell my one-year-old daughter"
After decades of war and as the economic crisis in Afghanistan worsens after the Taliban takeover, a growing number of desperate Afghans are selling organs to avoid starvationhttps://t.co/hbhtNUtuDx pic.twitter.com/LxkBeyxaxw
— AFP News Agency (@AFP) February 28, 2022
बता दें कि, इससे पहले काबुल की सड़कों पर कई मां-पिता को अपने बच्चे को बेचते हुए देखा गया। बेबस ये परिवार अपने बाकी बच्चों का भरण पोषण करने के लिए अपने दूसरे बच्चों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिलहाल अफगानिस्तान में स्थिति बिगड़ती जा रही है और यहां पर मानविय संकट गहराता जा रहा है। भूखमरी बढ़ती जा रही है।