यूपी में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को देखते हुए पार्टियां वोटरों को लुभाने में लगी हुईं हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली दरों में कमी किए जाने को लेकर उपभोक्ता परिषद की याचिका पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। । कमीशन ने इस मामले में पावर कोर्पोरेशन से डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी है। वहीं इस मामले में उपभोक्ता परिषद भी काफी तेजी दिखा रहा है। आज राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा से उनके आवास पर मुलाकात की और इस लोक महत्व के प्रस्ताव पर सरकार से बिजली दरों में कमी कराने के लिए सहयोग मांगा।
अवधेश वर्मा ने ऊर्जा मंत्री से मुलाकात कर बिजली की कीमतें कम करने को लेकर सरकार से सहयोग मांगा। वहीं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी उन्हें इस मामले पर सहयोग का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए संकल्पित है। उन्होंने गरीब किसानों और आम जनता को राहत देने के लिए प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही।
बता दें कि उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका दाखिल की है। इसमें कहा है कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कम्पनियों पर निकल रहे लगभग 20596 करोड़ के एवज में बिजली दरों में अगले पांच वर्षो तक 6.8 प्रतिशत कमी की जाए। इसी को लेकर उपभोक्ता परिषद के अवधेश वर्मा ने ऊर्जा मंत्री कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से वह सहयोग चाहती है। प्रदेश सरकार बिजली कम्पनियों व पावर कॉर्पोरेशन को निर्देश दे कि वह प्रस्ताव का सहयोग करें, जिससे बिजली दरों में कमी की जा सके।
बिजली कम्पनियों में फिजूल खर्ची पर भी अंकुश लगाकर लगभग 500 करोड़ हर वर्ष बच सकता है। आज बिजली कम्पनियों में सभी स्तर पर देखें तो लगभग 500 करोड़ रुपए के निजी व सरकारी कंसल्टेंट रखे गये हैं। फिर भी घाटा बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय है। सभी स्तर पर छानबीन कर पारदर्शिता लागू की जाय तो हर वर्ष अतिरिक्त 3000 करोड़ की बचत की जा सकती है।