दिल्ली और मुंबई में कोरोना सुरसा की तरह बढ़ता जा रहा है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हालात बता रहे हैं कि बुधवार की शाम तक दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 10 हजार को पार कर सकती है। दिल्ली राज्य के स्वास्थ्यमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोरोना मरीजों की संख्या दो गुनी रफ्तार से बढ़ रही है। कोरोना मरीजों का पॉजिटिविटी रेट भी 10 फीसदी से ऊपर पहुंचने जा रहा है।
कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए दिल्ली में सेंपल टेस्टिंग सेंटर फिर से बढ़ाए जा रहे हैं। अब तक मिले आंकड़ों के अनुसार मंगलवार यानी 4 जनवरी को 90 हजार सैंपल की जांच की गई। इनमें से कुछ सैंपल्स की जीनोम सीक्वेसिंग भी करवाई गई है। जीनोम सीक्वेंसिंग से ही कोरोना के नए वैरिएंट की जानकारी मिलती है।
भारतीय संघीय सरकार और दिल्ली राज्य सरकार दोनों ने सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राईवेट अस्पतालों को सभी इमरजेंसी इंतजाम करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अस्पतालों में कोरोना आरक्षित बेड्स की संख्या 40 फीसदी कर दी गई है। पड़ोसी राज्यों में कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक का नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। दिल्ली में ओमिक्रॉन के 464 नए मामले मिले हैं। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली दूसरे नम्बर पर है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के हालात इसलिए ज्यादा खतरनाक माने जा रहे हैं क्यों कि एम्स के 50 डॉक्टर्सऔरसफदरजंग अस्प्ताल के 26 डॉक्टर्स भी के कोरोना वायरस से पीड़ित हो गए हैं। इसके अलावा राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 38 डॉक्टरों के अलावा 45 स्वास्थ्य कर्मी पिछले कुछ ही दिनों में संक्रमित हुए हैं। हिंदू राव अस्पताल के भी 20 डॉक्टर्स संक्रमित हो गए हैं। एलएनजेपीअस्पताल की उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ऋतु सक्सेना ने कहा कि संस्थान के सात चिकित्सक संक्रमित हुए हैं, उनमें से तीन को विशेष वार्ड में रखा गया है जबकि शेष घर पर आईसोलेशन में हैं।