हाल ही में पाकिस्तान दौरे पर गई न्यूजीलैंड की टीम ने आतंकी हमले की आशंका के चलते पूरा पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था। यहां 3 वनडे और 5 टी20 की सीरीज खेलनी थी। लेकिन सुरक्षा कारणों को चलते कीवी टीम ने दौरा रद्द कर दिया जिसके बाद से पाकिस्तान क्रिकेट टीम में भूचाल मचा हुआ है। अब इसका जिम्मेदार पाकिस्तान ने अमेरिका को ठहराया है, जिसके लिए ब्रिटिश सरकार सो सफाई देनी पड़ी।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के क्रिकेट सीरीज रद्द किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि उनका देश अपनी धरती पर अमेरिकी सैन्य ठिकानों को अनुमति नहीं देने की कीमत चुका रहा है। न्यूजीलैंड के बाद इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने सोमवार को अगले महीने होने वाली द्विपक्षीय सीरीज को रद्द करने का फैसला किया।
इमरान खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फवाद चौधरी ने कहा कि, पाकिस्तान इस क्षेत्र में मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के लिए अपने रुख की कीमत चुका रहा है। अमेरिका की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि, अगर आप पूरी तरह से इनकार करते हैं तो इशकी एक कीमत होती है, जो आपको चुकानी पड़ती है।
बता दें कि, यह उस दौरान की बात है जब, अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के हटने के बाद अमेरिकी सैनिकों के पाकिस्तान में शिविर लगाने की संभावना के बारे में पूछा गया था। इस दौरान इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान किसी भी अमेरिकी ठिकाने और अफगानिस्तान के अंदर किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति बिल्कुल नहीं देगा। इसी को लेकर चौधरी ने कहा कि, पाकिस्तान अमेरिका को ना कहने की कीमत चुकाने के लिए तैयार है। कीमत चुकाने के साथ मुझे लगता है कि पाकिस्तान किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
ब्रिटेन के पाकिस्तान स्थित उच्चायुक्त ने खुलासा किया है कि ब्रिटिश सरकार ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) को सुरक्षा कारणों से अपनी पुरुष और महिला टीमों का पाकिस्तान दौरा रद्द करने की सलाह नहीं दी थी। पाकिस्तान में ब्रिटिश उच्चायुक्त क्रिस्टियन टर्नर ने कहा कि ईसीबी ने अगले महीने होने वाली टी20 सीरीज को रद्द करने का फैसला स्वयं किया था और वह पाकिस्तानी प्रशंसकों की निराशा को समझते हैं।
टर्रन ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि, यह फैसला ईसीबी ने किया जो इस तरह के निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है और उसने खिलाड़ियों से जुड़ी चिंताओं के कारण यह फैसला किया। ब्रिटिश उच्चायोग ने दौरे का समर्थन किया था और सुरक्षा आधार पर इसके खिलाफ सलाह नहीं दी थी। पाकिस्तान के लिये हमारे यात्रा परामर्श नहीं बदले हैं।