छुट्टी यानी की अवकाश के दौरान किसी सैनिक की हमले में मौत हो जाती है तो उसे क्या माना जाए? अब ये स्पष्ट हो गया है कि इसे ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु माना जाएगा। इसका स्पष्टीकरण रक्षा मंत्रालय ने जारी कर दिया है। यानी की अब छुट्टी के वक्त किसी सैनिक पर हमला होता है औऱ उसकी मौत हो जाती है तो उसे ड्यूटी पर हुई मौत माना जाएगा। हाल में जारी आदेश में कहा गया है कि इसमें अभी तक कई मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट नहीं थी। यदि कोई सैनिक छुट्टी पर अपने घर आया हुआ है या कहीं और भी गया हुआ है। इस दौरान चरमपंथी या असामाजिक तत्वों द्वारा उसे हमले में मार दिया जाता है तो उसे ड्यूटी पर तैनात माना जाएगा। उसके परिजन उसी प्रकार के मुआवजे के हकदार होंगे जो ड्यूटी करने के दौरान मृत्यु होने पर दिए जाते हैं।
आदेश में कहा गया है कि छुट्टी से तात्पर्य उन सभी प्रकार की छुट्टियों से है जो सरकार की तरफ से सैन्यकर्मियों को प्रदान की जाती हैं। दरअसल, पिछले कुछ समय के दौरान सैन्यकर्मियों पर हमले बढ़े हैं। खासकर जब वह अवकाश पर थे। हालांकि, ऐसी घटनाएं कश्मीर में ज्यादा हुई हैं। लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले में स्पष्टीकरण जारी कर सैन्यकर्मियों को राहत प्रदान की गई है।
हालांकि, छुट्टी के दौरान सैनिक की निजी दुश्मनी की वजह से उस पर कोई हमला होता है और उसमें उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसे ड्यूटी के दौरान हुई मौत नहीं माना जाएगा। ऐसे मामले में ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु के तहत मुआवजा नहीं मिलेगा।