जो पाकिस्तान तालिबानियों का हमदर्द बना हुआ है वही इस वक्त उनकी पीठ में खंजर घोंपने का काम कर रहा है। दरअसल, तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति चरमराई हुई है, भुखमरी बढ़ गई है। हालात ये हैं कि लोग अपने बच्चों तक को बेच रहे हैं। गरीबी और भुखमरी के कारण अफगानिस्तान पर संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में भारत ने अफगानिस्तान को सहायात देने के लिए सड़क मार्ग से अनाज भेजा है लेकिन पाकिस्तान इस पर रोक लगाया हुआ है क्योंकि यह मार्ग पाकिस्तान से होते हुए जा रहे हैं।
इमरान खान की सरकार अब तक भारतीय गेहूं को पाकिस्तान से गुजरने नहीं दे रही है। हालांकि, इमरान खान ने कहा है कि, वह पाकिस्तान के जरिए भारतीय गेहूं के पारगमन को अनुमति देने के अफगानिस्तान के अनुरोध पर विचार करेंगे। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से युद्धग्रस्त देश के लोगों के सामने आ रहे मानवीय संकट को रोकने के लिए अपनी सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया। उनकी ये टिप्पणियां तब आयी है जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी अपनी पहली विदेश यात्रा पर बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचे और वह 20 सदस्यीय उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
इसके आगे इमरान खान ने कहा कि, हम भारतीय गेंहू को पाकिस्तान के जरिए जाने देने के अपना अफगान भाइयों के अनुरोध पर भी विचार करेंगे। पाक प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री ने यह बताया कि मौजूदा संदर्भ में पाकिस्तान, भारत द्वारा दिए गए गेहूं को मानवीय उद्देश्यों के लिए असाधारण आधार पर पाकिस्तान से गुजरने देने के अफगान भाइयों के अनुरोध पर विचार करेगा।
गौरतलब हो कि, अफगानिस्तान के लिए सड़क मार्ग से भारत ने अनाज भेजने के लिए पिछले महीने पाकिस्तान से संपर्क किया था। और पाकिस्तान ने भारत के प्रस्ताव का अब तक कोई जवाब नहीं आया था जो अब जाकर आया है। भारत सरकार पाकिस्तान से बिना देरी के जवाब की उम्मीद कर रही थी ताकि जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जा सके। भारत सरकार ने अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजे जाने के लिए ट्रकों की आवाजाही को लेकर पाकिस्तान को नोट भेजा था जिसपर अब पाकिस्तान ने जवाब दिया है।