रूस और यूक्रेन की लड़ाई अब बढ़ती जा रही है। रूस लगातार यूक्रेन के शहरों पर भारी बमबारी कर यूक्रेन सरकार को घूटनों पर गिरने के लिए मजबूर कर दिया है। लेकिन, इसके बाद भी यूक्रेनी राष्ट्रपति अपने आन-बान और पश्चिमी देशों के उकसावे के चलते हार मानने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच विश्व नेताओं के बीच वाकयुद्ध भी जोर पकड़ा रहा है। ऐसे में फ्रांस की ओर से कुछ ऐसा कहा गया है जिसे लेकर रूस ने कहा है जुबान संभाल कर बात करे फ्रांस वरना असली युद्ध में ही बदल जाते हैं आर्थिक युद्ध।
पूर्व रूसी राष्ट्रपति और रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने फ्रांस के वित्त मंत्री को चेतावनी दी है। दिमित्री मेदवेदेव ने फ्रांस के मंत्री को जुबान संभाल के बात करने की नसीहत दी है। ट्विटर पर दिमित्री मेदवेदेव ने लिखा कि, आज, कुछ फ्रांसीसी मंत्री ने कहा है कि उन्होंने रूस पर आर्थिक युद्ध की घोषणा की। अपनी जुबान संभाल के जेंटलमैन! यह मत भूलो कि मानव इतिहास में, आर्थिक युद्ध अक्सर वास्तविक युद्ध में बदल जाते हैं।
Today, some French minister has said that they declared an economic war on Russia. Watch your tongue, gentlemen! And don’t forget that in human history, economic wars quite often turned into real ones
— Dmitry Medvedev (@MedvedevRussiaE) March 1, 2022
दरअसल फ्रांसीसी वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायेर ने एक फ्रांसीसी टेलीविजन को दिए एक इंटर्व्यू के दौरान रूस की जमकर आलोचना की थी। ले मायेर ने कहा, हम रूसी अर्थव्यवस्था का पतन करेंगे। उनके इस बयान पर रूसी मंत्री की टिप्पणी आई। उन्होंने अपने ट्वीट को फ्रेंच के साथ-साथ अंग्रेजी में भी शेयर किया। इसके अलावा, ले मायेर ने स्वीकार किया कि आम रूसी भी प्रतिबंधों के प्रभाव से पीड़ित होंगे, लेकिन हम नहीं जानते कि हम इसे अलग तरीके से कैसे संभाल सकते हैं। मेदवेदेव 2008 से 2012 तक रूस के राष्ट्रपति और 2012 से 2020 तक प्रधानमंत्री रहे।
बताते चलें कि, इस जंग के बीच ही रूस परमाणु अध्यास भी करना शुरू कर दिया है। रूसी परमाणु पनडुब्बियों ने मंगलवार को बेरेंट सागर में उतरकर अभ्यास की शुरुआत कर दी है। इस अभ्यास के दौरान बर्फ से ढंके साइबेरियाई क्षेत्र में मोबाइल मिसाइल लॉन्चर की भी चहलकदमी दिखी। यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों से तनाव बढ़ने को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने देश के परमाणु बलों को हाई-अलर्ट पर रहने के आदेश देने के बाद ये अभ्यास किए जा रहे हैं। रूस के उत्तरी बेड़े ने एक बयान में कहा कि उसकी कई परमाणु पनडुब्बियां अभ्यास में शामिल रहीं, जिसका मकसद इन्हें विपरीत परिस्थितियों में सैन्य साजोसामान को लाने-जाने के लिए प्रशिक्षित करना है।