कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार ने एक बार फिर से दोस्ती के नाम पर रूस को धोखा दिया है। रूस से सस्ता तेल और अनाज लेने वाले ‘भिखारी’ पाकिस्तान ने आईएमएफ से लोन के लिए अमेरिका के आगे घुटने टेक दिए और यूक्रेन को घातक हथियारों की सप्लाइ की है। अब जब एक मीडिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है तो पाकिस्तान बौखला गया है। उसे रूस के कोपभाजन बनने का डर सता रहा है। वह भी तब जब चीन खुलकर रूस की मदद कर रहा है और पाकिस्तान चीन के साथ आयरन ब्रदर होने का दावा करता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन को हथियार देने की मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
पाकिस्तान(Pakistan) के विदेश मंत्रालय ने कहा कि आईएमएफ से लोन के लिए यूक्रेन को हथियार देने की रिपोर्ट पूरी तरह से आधारहीन और मनगढंत है। इससे पहले इंटरसेप्ट की रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन को हथियार देने पर पाकिस्तान के सहमति जताने के बाद ही उसे लोन मिला था। पाकिस्तान को अगर यह लोन नहीं मिलता तो वह डिफॉल्ट हो जाता और आईएमएफ के लोन ने उसे बचा लिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि यह हथियार यूक्रेन की सेना को दिया जाना, इसलिए पाकिस्तान को भी रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद करना पड़ा।
रूस का गेहूं खाया, यूक्रेन को हथियार दिया
पाकिस्तानी (Pakistan) विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जहरा बलोच ने कहा कि पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच बातचीत के बाद यह लोन समझौता हुआ था। उन्होंने कहा कि इस बातचीत को दूसरा रंग देना धूर्तता है। बलोच ने दावा किया कि यूक्रेन और रूस के बीच विवाद में पाकिस्तान ने पूरी तरह से तटस्थ रवैया अपना रखा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने न तो रूस और न ही यूक्रेन को कोई हथियार दिया है। इस बीच पाकिस्तान को फंसा देख अब यूक्रेन भी बचाव में आ गया है। उसने दावा किया कि पाकिस्तान से उसे कोई हथियार नहीं मिला है।
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पाकिस्तान (Pakistan) और यूक्रेन भले ही हथियार डील नहीं होने का दावा करें लेकिन हकीकत में पाकिस्तान ने बडे़ पैमाने पर रॉकेट और टैंक यूक्रेन को तीसरे देश पोलैंड और जर्मनी के जरिए भेजे हैं। यही वजह थी कि 20 जुलाई को यूक्रेन के विदेश मंत्री दमयत्रो कुलेबा अचानक से पाकिस्तान की यात्रा पर आए थे। इससे पहले रूस ने यूक्रेन को हथियार देने को लेकर पाकिस्तान को आगाह किया था। इस ताजा खुलासे के बाद पाकिस्तान की चीन-रूस और अमेरिका दोनों से ही डॉलर कमाने की चाल का खुलासा हो गया है। इससे पहले आटे के लिए तरस रहे पाकिस्तान को रूस ने कई टन गेहूं दिया था। यही नहीं रूस ने पाकिस्तान को भारत की तरह से सस्ता तेल दिया था।