अमेरिका और नाटो अपने फायदे के चक्कर में यूक्रेन को पूरी तरह से बर्बाद कर दिए। पश्चिमी देशों की पहले से ही चाल थी जैसे ही यूक्रेन पर रूस हमला करेगा वो वैसे ही उसपर कड़े प्रतिबंध लगाना शुरू करेंगे और इससे रूस आर्थिक रुप से कमजोर हो जाएगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति को ये बात अब धीरे-धीरे समझ आ रही है। जिसके बाद उन्होंने अमेरिका और नाटो के मुंह पर करारा तमाचा मारा है। उन्होंने कहा है कि, यह बात सच है कि नाटो रूस से डरता है। वो पर्दे के पीछे से बोल सकते हैं लेकिन, सामने आकर रूस को कुछ बोलने की उनकी हिम्मत नहीं है। कहा है कि,
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) से उन्हें अपनाने या फिर न अपनाने को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की बात कही है। इस बात की सूचना द कीव इंडिपेंडेंट ने दी है। इसके अनुसार, जेलेंस्की ने यूक्रेनी सार्वजनिक प्रसारक सस्पिलने से एक इंटरव्यू में नाटो पर तंज कसते हुए कहा, नाटो को या तो अब कहना चाहिए कि वह हमें स्वीकार कर रहा है या खुले तौर पर कहे कि वह हमें स्वीकार नहीं कर रहा है। वह रूस से डरते हैं, जो बिल्कुल सच है।
जेलेंस्की ने कहा है कि फिर तो हमें शांत होने और यह कहने की जरूरत है कि नाटो के सदस्य देश हमें नाटो में रहने के बिना भी सुरक्षा गारंटी प्रदान कर सकते हैं। समझौता वहीं होता है, जहां युद्ध का अंत होता है। जेलेंस्की ने आगे कहा कि नाटो विवादास्पद चीजों और रूस के साथ टकराव से डरता है। इस बात की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि रूस ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह नहीं चाहता कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो। जेलेंस्की ने अब से करीब दो सप्ताह पहले कहा था कि वह अब यूक्रेन के लिए नाटो की सदस्यता हासिल करने पर दबाव नहीं डाल रहे हैं।