अक्सर देखा जाता है कि शादीशुदा जोडे़ बच्चे के लिए पैसों की तरह पानी बहाते है। महंगा इलाज कराते है, बावजूद इसके कंसीव करने की लगातार कोशिश फेल हो रही हैं। पीरियड्स भी नॉर्मल हैं और हार्मोंस की रिपोर्ट भी ठीक होती है, आखिर फिर क्या वजह है, जिससे प्रेगनेंट नहीं हो पाती कुछ शादीशुदा महिला। आपको पता होगा ही कि प्रेगनेंट होना सिर्फ एक औरत पर निर्भर नहीं करता है बल्कि इसमें पुरुष भी बराबर भागीदार होते हैं। प्रेगनेंट होने के लिए एग का फर्टिलाइज होना जरूरी है और एग तभी फर्टिलाइज होता है, जब स्पर्म उस तक पहुंचता है। लेकिन पुरुषों में भी किसी इनफर्टिलिटी प्रॉब्लम के कारण स्पर्म नहीं बन पाता है।
आज हम आपको पुरुषों की एक ऐसी ही बीमारी के बारे में बता रहे हैं जिसमें फीमेल पार्टनर को कंसीव करने में दिक्कत आती है। इस इनफर्टिलिटी समस्या का नाम है 'एजोस्पर्मिया'… जो किसी भी उम्र के पुरुष को प्रभावित कर सकती है। वैसे तो यह दुर्लभ विकार है लेकिन अगर किसी पुरुष को यह बीमारी हो जाए, तो उसकी फीमेल पार्टनर को कंसीव करने में दिक्कत आती है। अगर आप प्रेगनेंट होने के लिए ट्राई कर रही हैं तो आपको और आपके मेल पार्टनर को इसके बारे में पता होना चाहिए।
क्या है एजोस्पर्मिया- यह मेल इनफर्टिलिटी से जुड़ी कंडीशन है जिसमें ऑर्गेज्म के बाद कोई स्पर्म या वीर्य नहीं निकलता है। वैसे तो यह दुर्लभ विकार है लेकिन जीरो स्पर्म काउंट या एजोस्पर्मिया इनफर्टिलिटी का एक गंभीर रूप है जो 10 में से एक पुरुष को प्रभावित करता है। जिन पुरुषों को यह समस्या होती है, आमतौर पर उनमें नॉर्मल वीर्य वॉल्यूम या फ्लूइड होता है और टेस्ट करने के बाद ही पुरुषों को अपनी इस बीमारी के बारे में पता चलता है।
एजोस्पर्मिया के कारण- इस इनफर्टिलिटी प्रॉब्लम के कुछ ऑब्स्ट्रक्टिव कारण हैं जैसे कि पुरुष के प्रजनन मार्ग में सूजन या इंफेक्शन होना, कंजेनाइटल एनोमली की वजह से पुरुष के प्रजनन मार्ग में एक या दोनों तरफ ब्लॉकेज होना, रेट्रोग्रेड इजैकुलेशन (इसमें वीर्य मूत्रनली की बजाय वापिस मूत्राशय में चला जाता है), प्रजनन अंग की कोई सर्जरी होना।
एजोस्पर्मिया के अन्य कारण- एजोस्पर्मिया के नॉन ऑब्स्ट्रक्टिव कारणों में हार्मोनल असंतुलन, रेडिएशन या कीमोथेरेपी, क्रोमोसोमल या जेनेटिक विकार और किसी दवा का रिएक्शन शामिल है।
एजोस्पर्मिया के लक्षण- जब तक कि फीमेल पार्टनर को कंसीव करने में दिक्कत नहीं आती, तब तक पुरुषों में इस बीमारी का पता नहीं चल पाता है। इसके लक्षणों में पेशाब करते समय दर्द होना, सेक्स के बाद झागदार पेशाब आना, ड्राई ऑर्गेज्म, अंडकोषों का छोटा होना, पेल्विक हिस्से में दर्द, अंडकोषों में सूजन, सेक्स ड्राइव कम होना, प्यूबर्टी देर से होना, इजैकुलेशन या इरेक्शन में दिक्कत होना और पेनिस का साइज छोटा होना शामिल है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर के टिप्स- डॉक्टर्स काकहना है कि यह मेल इनफर्टिलिटी का प्रमुख कारण है और इसमें स्पर्म नहीं बनता है। अगर कोई ब्लॉकेज है, तो माइक्रोसर्जरी की जा सकती है और आयुर्वेद में विरेचन और बस्ती कर्म किया जाता है। इसके बाद वाजीकरण चिकित्सा की जाती है। उत्तरा अवस्ति भी कारगर होती है। हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें, स्ट्रेस न करें और सिगरेट न पिएं और योग एवं प्राणायाम करें।