केंद्र की मोदी सरकार कई सारे योजनाएं चला रही है जिसका फायदा सीधा देश के गरीबों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि देश की गरीबी को किसी तरह खत्म किया जाए। इसके लिए सरकार काफी मेहनत भी कर रही है। आयुष्मान योजना के तहत गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक मुफ्त में इलाज का सरकार ने सुविधा दी है। इसके साथ ही देश में किसानों की समस्याओं को देखते हुए और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए उनके खाते में सीधे हर हाल तीन किस्तों में 6 हजार रुपए का सहायता प्रदान करती है। मोदी सरकार के कदमों की दुनिया जमकर तारीफ कर रही है। उन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए जिन योजनाओं का शुरुआत किया है उसकी दुनिया मरीद हो गई है। इन योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) जिसकी IMF ने जमकर तारिफ की है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की सराहना की है। उसने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान इस योजना ने अत्यधिक गरीबी में वृद्धि को टाल दिया। आईएमएफ के एक नए पेपर में पाया गया कि 2019 में भारत में अत्यधिक गरीबी (पीपीपी 1.9 डॉलर प्रति व्यक्ति प्रति दिन) एक प्रतिशत से कम है। यह 2020 के दौरान भी उस स्तर पर बनी रही। रिपोर्ट में बताया गया है कि, पीएम मोदी की, खाद्य सुरक्षा योजना (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना) भारत में अत्यधिक गरीबी के स्तर में किसी भी वृद्धि को रोकने में महत्वपूर्ण रही है।
IMF की इस नई रिपोर्ट में पहली बार गरीबी और असमानता पर खाद्य सब्सिडी का प्रभाव शामिल है। महामारी से पहले का वर्ष 2019 में अत्यधिक गरीबी 0.8 प्रतिशत जितनी कम थी। गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा यह सुनिश्चित करने में सहायक थे कि यह महामारी वाले साली यानी 2020 में उस निम्न स्तर पर बना रहे। लगातार दो वर्षों में अत्यधिक गरीबी का निम्न स्तर को अत्यधिक गरीबी का उन्मूलन माना जा सकता है।
अपनी रिपोर्ट में IMF ने कहा है कि, PMGKAY भारत में अत्यधिक गरीबी के स्तर में किसी भी वृद्धि को रोकने के लिए महत्वपूर्ण था। यह गरीबों पर COVID-19 के कारण कम हुई आय के झटके को कम करने के मामले में काफी हद तक काम किया।