अमेरिका लगातार दुनियाभर को चेतावनी दे रहा है कि अगर किसी ने रूस का साथ दिया तो वो उसे बर्बाद कर देगा। यूक्रेन को लेकर दुनिया दो खेमे में बंटी हुई है। अमेरिका दुनिया के देशों से कहना है कि वो रूस के बजाय उसका साथ दें। लेकिन, यही अमेरिका पाबंदियों के बाद भी खुद रूस से जाकर सत्ते में तेल खरीद रहा है। ये वही अमेरिका है जो दुनिया को रूस के साथ व्यापार करने के लिए रोक रहा है और अपने अधिकारियों से कह रहा है कि, रूस से सस्ते तेल खरीदों और साथ ही जरूरत की सारी चिजों की खरीदारी को। लेकिन, जब भारत ने रूस से तेल खरीद की तो अमेरिका को चुभन होने लगी और वो धमकी देने लगा। अब एक बार फिर से अमेरिका ने भारत को रूस के मामले में चेतावनी दी है।
इस बार अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने वार्षिक रक्षा बजट पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान भारत के खिलाफ कुछ बातें कही है। उन्होंने कहा है कि, उन्हें उम्मीद है कि भारत आगे चलकर रूसी सैन्य उपकरणों पर अपनी निर्भरता को कम करेगा। ऑस्टिन ने सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए उनके (भारत) के साथ काम कर रहे हैं कि यह उनके लिए (हमारा मानना है कि) रूसी उपकरणों में निवेश जारी रखना उनके हित में नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि, रूस के सैन्य उपकरणों में निवेश जारी रखना भारत के हित में नहीं है। अमेरिका चाहता है कि नई दिल्ली रूसी सैन्य उपकरणों पर अपनी निर्भरता कम करे। ऑस्टिन ने कहा, और आगे हमारी मांग यह है कि वे (भारत) उन इक्विपमेंट्स को खरीदना कम करें जिनमें वे निवेश कर रहे हैं और बल्कि उन इक्विपमेंट्स को खरीदें जो अधिक हमारे लिए अनुकूल हों।