इस वक्त दुनिया के कई देशों की हालत ठीक नहीं है। कहीं पर जंग का माहौल है तो कई पर जंग की तैयरी चल रही है। इसके साथ ही कई देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है तो कई देशों में राजनीतिक संकट अपने चरम पर है। यूक्रेन रूस के बीच जांग जारी है। उधर चीन लगातार ताइवान पर कब्जा करने के लिए अपनी रणनीति तेज कर रहा है। आर्थिक संकट की बात करें तो श्रीलंका इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजरा रहा है। यहां पर पेट्रोल, रासन, दवा सबकुछ महंगा हो गया है और विदेशी जमा राशी खत्म हो गया है जिसके चलते देश में भूचाल आया हुआ है। उधर पाकिस्तान में राजनीतिक संकट है। अब नेपाल में विदेशी मुद्रा का संकट गहराते जा रहा है। इस बीच देउबा सरकार ने सेंट्रल बैंक के गवर्नर को निलंबित कर दिया है।
विदेशी मुद्रा संकट के बीच नेपाल सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए देश के सेंट्रल बैंक के गवर्नर महाप्रसाद अधिकारी को वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा से असहमति और अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने पर निलंबित कर दिया है। अधिकारी के निलंबन के बाद डिप्टी एनआरबी गवर्नर नीलम धुंगाना तिमिलसिना को कार्यवाहक राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहां के एक अखबार के मुताबिक, नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) के गवर्नर अधिकारी को शुक्रवार को सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पुरुषोत्तम भंडारी की अध्यक्षता में एक पैनल गठित करने के बाद निलंबित कर दिया गया था।
अधिकारी को पूर्व प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले पिछले शासन के तहत 6 अप्रैल, 2020 को नेपाल के 17 वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। यह केवल दूसरा उदाहरण है जब पांच साल के कार्यकाल का आनंद लेने वाले एक मौजूदा गवर्नर को निलंबित किया गया है। सूत्रों की माने तो, घटते विदेशी मुद्रा भंडार और नेपाल की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर सेंट्रल बैंक के गवर्नर महाप्रसाद अधिकारी और वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा के बीच मतभेद सामने आए थे। पिछले हफ्ते नेपाल राष्ट्र बैंक ने पेट्रोलियम की कमी और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का हवाला देते हुए वाहनों और अन्य लक्जरी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।