रूढियों को तोड़कर इंडियन आर्मी एक बार फिर आगे बढ़ गई है। आर्मी चीफ एमएम नरवणे के रिटायरमेंट के बाद इंडियन आर्मी की कमान इंजीनियरिंग कॉर्प्स के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पाण्डेय को सौंपी जा रही है। जनरल पांडे सेना प्रमुख बनने वाले कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी होंगे। जनरल पाण्डेय 30 अप्रैल को जनरल एमएम नरवणे से कार्यभार लेंगे।
अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) कौन होगा, इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। पिछले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की पिछले साल दिसंबर में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद से यह पद खाली पड़ा है।
पांडे सेना प्रमुख बनने वाले कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी होंगे। इस पद पर अब तक इन्फैंट्री, आर्मर्ड और आर्टिलरी अधिकारियों का कब्जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल पांडे, जो पूर्वी सेना कमांडर रहे हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ प्रौद्योगिकी के अधिक एकीकरण के प्रमुख समर्थकों में से एक हैं। वह अपने साथ सेना प्रमुख की कुर्सी पर ऑपरेशनल और रसद दोनों अनुभव लाएंगे।
जनरल नरवणे सीडीएस बनने के लिए स्वाभाविक पसंद हैं। जनरल रावत की मिसाल को देखते हुए उन्हें यह पद मिल सकता है जिन्होंने सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद शीर्ष पद संभाला था। लेकिन उनके नाम को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है क्योंकि सरकार अभी भी कुछ विकल्पों पर विचार कर रही है।
यह पहली बार है कि फाइटिंग कोर्प्स की जगह टेक्निकल कोर्प्स के जनरल को इंडियन आर्मी की कमान सौंपी गई है। जनरल पाण्डेय का चयन मेरिट और सीनियरटी के आधार पर ही नहीं बल्कि उनकी कमाण्ड टेक्नीक्स की कुशलता के आधार पर की गई है। खुद मनोज मुकुंद नरवणे ने मनोज पाण्डेय के नाम पर अपनी सहमति जताई थी। चीन और पाकिस्तान की ओर से आने वाले खतरों को देखते हुए जनरल पाण्डेय का नए आर्मी चीफ की नियुक्ति खास मानी जा रही है।