रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग को रोकने के लिए पश्चिमी देश, यूएस और नाटो पूरी कोशिश कर रहे हैं। ये सारे मिलकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पूरी तरह से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन, इन्होंने जितना सोचा था उससे कहीं ज्यादा रूस को कम असर हुआ है। तमाम कड़े प्रतिबंध लगाकर रूस को तोड़ने की कोशिश कर रहे यूएस और नाटो के लिए अभी राह मुश्किल है। क्योंकि, रूस इन सबके लिए पहले से ही तैयार बैठा है। इस बीच तमाम अंतराष्ट्रीय दबाव के बाद भी भारत ने कहा है कि वो रूस की मदद करने के लिए तैयार है और दोनों देशों के बीच लोकर करेंसी में व्यापार होगा।
रूस अब भारत से और मेडिकल सामानों की खरीद करना चाहता है। भारत में मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियों और रूसी कंपनियों के बीच 22अप्रैल को वर्चुअल मीटिंग होगी जिसमें मेडिकल सामानों की खरीद को लेकर बातचीत होगी। एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री के फोरम कॉर्डिनेटर राजीव नाथ के मुताबिक दोनों देशों के ट्रेड ग्रुप मेडिकल उपकरण के आयात-निर्यात और एक्सचेंज मीडियम करेंसी को लेकर चर्चा करेंगे।
बता दें कि, दिल्ली और मॉस्को एक्सचेंज करेंसी को लेकर पिछलके कुछ दिनों से लगातार बात कर रहा है ताकि, दोनों देशों के बीच व्यापार को आगे बढ़ाया जा सके। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, दोनों देशों ने करेंसी के लेकर आम सहमति बना ली है जिसमें लोकर करेंसी को ही इस्तेमाल करने की बात कही जा रही है जैसा कोल्ड वॉर के दौरान किया जाता था।