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जहांगीरपुरी अतिक्रमणः सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमने सिर्फ स्टे ऑर्डर दिया, 2 हफ्ते बाद फिर करेंगे सुनवाई

जहांगीरपुरी अतिक्रमण

दिल्ली के जहांगीरपुरी मामले पर जमीयत उलमा-ए-हिंद याचिका पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमने दो हफ्ते तक सिर्फ यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। हमने सरकार और याची पक्ष के लोगों को नोटिस के साथ दो हफ्ते बाद फिर से लिस्ट करने के आदेश दिए हैं।   

सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान याचिकाकर्ता जमीयत उलमा-ए-हिंद के वकील दुष्यंत दवे ने तर्क शुरू किए तो जस्टिस एल नागेश्वर राव ने पूछा इसमें राष्ट्रीय महत्व क्या है। दवे ने कहा कि गैरकानूनी एनकाउंटर के बाद यह टारगेटेड बुलडोजर एक्शन एक समुदाय के खिलाफ शुरू किया गया है। जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा कि आप सिर्फ कानूनी उल्लंघन पर बात करें।

जमीयत उलेमा के वकील दुष्यंत दवे को सुप्रीम कोर्ट ने कई बार झिड़का। दवे बार-बार मामले को सियासी और सांप्रदायिक शक्ल देने लगे थे। जैसे ही दबे ने कहा दिल्ली में बनी 1701अवैध कॉलोनी हैं जिसमें 50लाख लोग रहते हैं और उन्हें नियमित किया गया है। जस्टिस नागेश्वर ने कहा कि आपने नियमितिकरण के बारे में बताया है, अतिक्रमण के बारे में बताइए।

इसके बाद कपिल सिब्बल आए और उन्होंने भी अतिक्रमण हटाने के मामले को हिंदु-मुस्लिम रंग दिया। इस पर कोर्ट ने सवाल दागा कि क्या हिंदुओं का अतिक्रमण नहीं हटाया गया है? य़ह सवाल सुनते ही कपिल सिब्बल का चेहरे का रंग सफेद पड़ गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि वो देश भर में मुसलमानों को टारगेट करके चलाए जा बुलडोजर पर रोक लगाने की रट लगाई। इस पर कोर्ट ने फिर झिड़की लगाई और कहा कि हम यहां पूरे देश में चलाए जा रहे अतिक्रमण अभियान को नहीं रोक सकते। हम सिर्फ जहांगीरपुरी पर सुनवाई कर रहे हैं।