दुनिया में इस वक्त भारत की छवी बिल्कुल बदल चुकी है। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद से दुनिया के ताकतवर देशों में भारत का भी नाम शामिल हो चुका है। हर एक क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है यही वजह है कि दुनिया इंडिया के साथ जुड़ना चाहती है। चाहे वो अमेरिका हो, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेना या फिर कोई अन्य बड़ा देश हो हर कोई पीएम मोदी के साथ जुड़ना चाहता है। ये वो भारत है जो अपने दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देता है तो वहीं, अपने दोस्तों पर आए संकट में मदद करने से पीछे नहीं हटता। यही वहज है कि श्रीलंका लगातार भारत की तारीफ कर रहा है। अब एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका की मदद की है।
दरअसल, श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है, यहां पर तेल, रासन, दवा से लेकर लगभग हर चीजों की दामों में भारी बढ़ोतरी हो गई है। आजादी के बाद से इतिहास में पहली बार श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ी है। हाल की सालों में इन देशों में चीन ने तेजी से विस्तार किया है। ऐसे में जिन-जिन देशों को चीन ने लालच दिया है वो-वो देश उसकी कर्ज जाल में फंसते जा रहे हैं। अमेरिका ने भी चीन पर आरोप लगाया है कि, बीजिंग कर्ज कूटनीति के जरिए विकासशील देशों को चीन पर अधिक निर्भर बना रहा है। पिछले एक दशक में चीन दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी लेनदार बन गया है। श्रीलंका और पाकिस्तान की हालत पर चीन चुप्पी साधे हुए है और इन्हें कर्ज देने से भी पीछे हट रहा है। लेकिन, इसी श्रीलंका को भारत लगातार मदद कर रहा है। तेल से खाद्य पदार्थों के साथ ही दवाओं को भेजकर भारत मदद कर रहा है। अब श्रीलंका को भारत 65 हजार टन यूरिया की तत्काल सप्लाई करने जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह कि यूरिया पर लगाई गई पाबंदी के बाद भी भारत ने ये फैसला लिया है। यह अपने आप में बहुत ही बड़ी बात है।
भारत ने 65,000 टन यूरिया की तत्काल आपूर्ति के लिए श्रीलंका को भरोसा दिलाया है। इसका इस्तेमाल धान की खेती में किया जाएगा। नई दिल्ली स्थित श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंदा मोरागोडा ने गत गुरुवार को उर्वरक सचिव राजेश कुमार चतुर्वेदी के साथ मुलाकात में उर्वरक का मुद्दा उठाया। इस दौरान चतुर्वेदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत जल्द ही श्रीलंका को 65,000 टन यूरिया की आपूर्ति करेगा। श्रीलंका के उच्चायोग ने एक संदेश में इस मदद के लिए भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि फसलों के चालू सत्र के लिए यूरिया की आपूर्ति करने का फैसला भारत ने यूरिया आपूर्ति पर लगाई पाबंदी के बावजूद लिया है। इसके पीछे श्रीलंका को धान की खेती वाले याला सत्र में तत्काल मदद पहुंचाने का उद्देश्य है।
इस कदम के लिए श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने चतुर्वेदी के प्रति आभार जताया तो उर्वरक सचिव ने कहा कि यह फैसला पड़ोसी पहले की भारतीय नीति के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि, यूरिया की इस खेप को जल्द-से-जल्द श्रीलंका पहुंचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस बैठक में दोनों ही अधिकारियों ने भारत की तरफ से श्रीलंका को दी गई ऋण-सुविधा के तहत रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।