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श्रीलंका ने China-Pakistan को दिया झटका, ठुकराया ड्रैगन-पाक का यह ऑफर

श्रीलंका (Srilanka) से आई खबर भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत की तरह है। बताया जा रहा है कि श्रीलंका की सरकार ने लिक्विड नैचुरल गैस (एलएनजी) की सप्‍लाई और पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने के लिए चीन-पाकिस्तान को दिए गए एक बड़े टेंडर को कैंसिल करने का फैसला किया है। श्रीलंका के अखबार द संडे टाइम्स की तरफ से बताया गया है कि यह फैसला एलएनजी की खरीद के लिए अंतरराष्‍ट्रीय टेंडर प्रोसेस के जरिए कंसोर्टियम को चुनने के बाद आया है। श्रीलंका की सरकार अब एक भारतीय कंपनी के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।

पिछले साल मिली थी मंजूरी

पिछले साल अगस्त में बिजली उत्पादन लागत कम करने के लिए चीन-पाकिस्तान एंग्रो कंसोर्टियम को श्रीलंका ने चुना था। सोमवार को देश के बिजली और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने एक कैबिनेट पेपर पेश किया। इस पेपर में एलएनजी खरीद प्रक्रिया को रोक दिया गया जो कि चल रही थी। इस प्रक्रिया के तहत फ्लोटिंग स्टोरेज और री-गैसीफिकेशन यूनिट (एफएसआरयू) और इससे जुड़े पाइपलाइन नेटवर्क का विकास शामिल है। भारत और चीन इस समय श्रीलंका में अपना प्रभाव जमाने में लगे हुए हैं।

चीन लगा निवेश बढ़ाने में

चीन, श्रीलंका (Srilanka) में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारी निवेश कर रहा है। जबकि भारत एक भरोसेमंद आर्थिक और सुरक्षा भागीदार बना हुआ है। हाल के कुछ सालों दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़ी है। चीन की तरफ से हिंद महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशें जारी है। पिछले दिनों श्रीलंका के राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत आए थे। उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में वादा किया था कि वह अपनी भूमि का प्रयोग भारत के खिलाफ हरगिज नहीं होने देगा।

महत्‍वपूर्ण था विक्रमसिंघे का दौरा

चीनी टेंडर को रद्द करने की यह खबर रानिल विक्रमसिंघे के दो दिवसीय भारत दौरे के एक महीने से भी कम समय बाद आई है। जुलाई में अपनी यात्रा के दौरान, विक्रमसिंघे ने दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय तक टिके रहने वाले रिश्‍तों से जुड़े हर पहलुओं पर पीएम मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की थी। भारत की तरफ से भी विक्रमसिंघे के दौरे को ‘बहुत महत्वपूर्ण’ बताया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत-श्रीलंका ने करीबी आर्थिक सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की। इन मुद्दों में यह भी शामिल था कि भारत के आर्थिक विकास का फायदा श्रीलंका को कैसे मिल सकता है।

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