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न्यूज क्लिक विवाद के बाद अमेरिका का बड़ा खुलासा, पाकिस्तानी मीडिया पर कब्जा करना चाहता था China

न्यूज क्लिक के जरिए पाकिस्तानी मीडिया पर China का शिकंजा

न्यूज क्लिक विवाद के बाद अमेरिका के विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक China अपने सबसे करीबी दोस्‍त पाकिस्‍तान की मीडिया पर कब्‍जा करना चाहता था। चीन को सीपीईसी के खिलाफ चल रही सूचनाओं और जनता में उसके विरोध का डर सता रहा था। पाकिस्‍तान ने हालांकि चीन के प्रस्‍ताव को भाव नहीं दिया।

भारत में चल रहे न्‍यूज क्लिक व‍िवाद के बीच अमेरिका ने खुलासा करते हुए कहा है कि चीन अपने आयरन ब्रदर पाकिस्‍तान की मीडिया पर कब्‍जा करना चाहता है। अमेरिका के व‍िदेश मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि China ने एक ऐसा तंत्र बनाया है जिससे अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मीडिया में उसके दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जाए।

चीन(China)चाहता है कि पाकिस्‍तानी मीडिया पर उसकी मजबूत पकड़ हो जाए। यही नहीं चीन अब रूस के साथ मिलकर सूचना के क्षेत्र में काम कर रहा है। चीन अपने खिलाफ आई किसी भी रिपोर्ट का जवाब देने के लिए अन्‍य पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करने का प्रयास किया है।

अमेरिका ने कहा कि अन्‍य पार्टनर देशों में पाकिस्‍तान प्रमुख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान के साथ मिलकर चीन ‘फर्जी सूचनाओं से निपटने’ पर सहयोग कर रहा है। इसमें चाइना पाकिस्‍तान आर्थिक कॉरिडोर मीडिया फोरम भी शामिल है। चीन और पाकिस्‍तान दोनों ने मिलकर इस मीडिया फोरम का इस्‍तेमाल उन खबरों से निपटने के लिए कर रहे हैं जिसे वे दुष्‍प्रचार और ‘दुर्भावनापूर्ण सूचना’ मानते हैं। दोनों देशों ने सीपीईसी रैपिड रेस्‍पांस इन्‍फारमेशन नेटवर्क भी बनाया है।

प्लान होता कामयाब तो पाकिस्तानी मीडिया पर होता चीन का पूरा कंट्रोल

यही नहीं चीन और पाकिस्‍तान मीडिया कॉरिडोर लॉन्‍च करने का भी प्रण किया है। साल 2021 की अमेरिका के व‍िदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने पाकिस्‍तानी मीडिया में काफी हद तक नियंत्रण हासिल करने के लिए बातचीत की थी। यह चाइना-पाकिस्‍तान मीडिया कॉरिडोर का हिस्‍सा था। इसके अलावा एक नर्व सेंटर भी बनाया जाना था जिसमें पाकिस्‍तान के सूचनाओं की निगरानी किया जाना है। चीन की इस मांग पर पाकिस्‍तान ने बहुत भाव नहीं दिया था। इस पूरे तंत्र से चीन को सबसे बड़ा फायदा होता और ड्रैगन का अपने दोस्‍त देश की मीडिया पर सीधे पूरा कंट्रोल हो जाता।

चीन के मसौदा पत्र में कहा गया है कि चीन और पाकिस्‍तान की सरकारें एक नर्व सेंटर की स्‍थापना करेंगी ताकि सूचनाओं की निगरानी की जा सके। इसके जरिए चीन अपने थिंक टैंक, ओपिनियन, सीपीईसी स्‍टडी सेंटर, मीडिया संगठन, चीन की कंपन‍ियों की सूचनाएं भी शामिल हैं। चीन अपनी सूचनाओं को ऊर्दू में भी अनुवाद कराना चाहता था ताकि पाकिस्‍तानी जनता के ओपिन‍ियन पर भी प्रभाव डाला जा सके।

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