क्वाड सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही वहां पर पहुंच चुके हैं। इस दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जिसके चलते चीन और पाकिस्तान में बौखलाहट तेज हो गई है। वहां पर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, आज भारत जब आजादी के 75 सालों का जश्न मना रहा है तो हम आने वाले 25 वर्षों की योजना भी तैयार कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मुझे मक्खन पर लकीन खींचने में मजा नहीं आता, पत्थर पर लकीन खींचता हूं। मुझे संस्कार ही कुछ ऐसे मिले हैं कि हमेशा बड़ी चुनौतियों और लक्ष्यों के लिए काम करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता, पत्थर पर लकीर खींचता हूं। मेरे साथ 130 करोड़ देशवासियों का आत्मविश्वास, संकल्प और सपने हैं। इन्हें पूरा करने का विराट सामर्थ्य हमारे पास है और इसका परिणाम जरूर आएगा। उन्होंने कहा कि बीते दो सालों में ग्लोबल सप्लाई चेन को नुकसान पहुंचा है और उस पर सवाल खड़े हुए हैं। हम इस संकट से भविष्य में बचने के लिए आत्मनिर्भरता के संकल्प की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा यह निवेश सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि ग्लोबल चेन के लिए है। आज पूरी दुनिया को अहसास हो रहा है कि भारत जिस स्पीड और स्केल पर काम कर सकता है, वह अभूतपूर्व है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, दुनिया ने यह भी देखा है कि कैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर और संस्थाओं के निर्माण के लिए तेजी से हम काम कर रहे हैं। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट समेत कई परियोजनाएं भारत और जापान के सहयोग के उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में बदलावों की वजह यह है कि हमने एक सशक्त लोकतंत्र की पहचान बनाई है और लोगों को डिलिवरी हो रही है। आज देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था से वे लोग भी जुड़ रहे हैं, जो कभी गर्व से यह नहीं मानते थे कि वे भी हिस्सा हैं। भारत के चुनावों में अब पुरुषों से ज्यादा महिलाएं वोट डाल रही हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में डेमोक्रेसी सामान्य नागरिकों के हकों के प्रति कितनी सजग और समर्पित है।