इस वक्त देशभर में धार्मिक स्थलों को लेकर चर्चा गर्म है। दरअसल, मुगलों के समय देशे के बड़े से बड़े ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़ दिया गया और उनकी जगह पर मस्जिद बनवा दिया गया। या फिर जहां-जहां हिंदुओं की मुख्य मंदिरें हैं वहां-वहां मुगल शासकों ने मस्जिदों का निर्माण करा दिया। कई मस्जिदें ऐसी हैं जो मंदिरों के ऊपर बनी हुई है। अब वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को ही ले लें। यहां पर मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग के साथ ही नंदी पाए गए हैं। जिसके बाद अब यहां पर दावा किया जा रहा है कि, मस्जिद के नीचे कई और मंदिरें हैं, इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसके साथ ही ताजमहल और मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद को लेकर याचिका दायर की गई है। इन धार्मिक स्थलों को लेकर इस वक्त माहौल गर्म है। इस बीच अब गोवा में भी मंदिर का मामला गरमाता नजर आ रहा है। क्योंकि, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बड़ा ऐलान कर दिया है।
नई दिल्ली में आयोजित पांचजन्य मीडिया कॉन्क्लेव के दौरान सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि, पुर्तगालियों ने गोवा में जिन मंदिरों को बर्बाद कर दिया था, अब उन सभी मंदिरों को फिर से बनाया जाएगा। सावंत ने कहा, कि मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए बजट से आवंटन पहले ही किया जा चुका है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, गोवा सरकार प्रदेश में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है तथा लोगों को मंदिरों में जाने के लिए प्रेरित कर रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की साप्ताहिक पत्रिकाओं ऑर्गनाइजर एवं पांचजन्य के 75 साल पूरा होने पर यहां आयोजित मीडिया संगोष्ठी में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा, 450 साल के पुर्तगाल शासन के दौरान हिंदू संस्कृति नष्ट की गयी और कई लोग धर्मांतरित किये गये। प्रदेश में मंदिरो को नष्ट किया गया। हम उन सभी का जीर्णोद्धार करने जा रहे हैं। मैं मानता हूं कि जहां भी मंदिर ढहा दिये गये हैं, उनका पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए। यह मेरी दृढ़ मान्यता है।
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, उनकी सरकार पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक गोवा में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दिन-रात लगी है। हर गांव में एक-दो मंदिर हैं। हमें तट से लोगों को मंदिर में ले जाना है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सांस्कृतिक पर्यटन को आगे बढ़ा रही है। भाजपा शासित कई राज्यों के समान नागरिक संहिता की ओर उन्मुख होने के बीच सावंत ने कहा कि- मैं गर्व से कहता हूं कि मुक्ति के समय से ही गोवा समान नागरिक संहिता का पालन कर रहा है। मैं विश्वास करता हूं कि अन्य सभी राज्यों को समान नागरिक संहिता का अवश्य पालन करना चाहिए। हमने गोवा समान नागरिक संहिता की अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की है।