श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है, यहां पर तेल, रासन, दवा से लेकर लगभग हर चीजों की दामों में भारी बढ़ोतरी हो गई है। आजादी के बाद से इतिहास में पहली बार श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ी है। श्रीलंका को भारत लगातार मदद कर रहा है। तेल से खाद्य पदार्थों के साथ ही दवाओं को भेजकर भारत मदद कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार श्रीलंका को आर्थिक संकट के उबारने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। अब सरकान ने एक और बड़ा फैसला लिया है।
दरअसल, श्रीलंका में भोजन की कमी से बचने के लिए भारत ने उर्वरक आपूर्ति का भरोसा दिलाया है। श्रीलंका की ओर से कहा गया है कि, भारत ने श्रीलंका को उर्वरक आपूर्ति का आश्वासन दिया है ताकि कर्ज में डूबे देश को फसल के नुकसान और सबसे खराब आर्थिक संकट से होने वाली गंभीर खाद्य कमी को दूर करने में मदद मिल सके। राष्ट्रपति राजपक्षे ने अगले फसल कटाई के मौसम की आवश्यकताओं पर सिंचाई अधिकारियों के एक समूह के साथ बात करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें अगले खेती के मौसम के लिए उर्वरक आपूर्ति का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि भारतीय लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत आपूर्ति की जाएगी और खेप के कोलंबो पहुंचने के 20 दिनों के भीतर वितरित की जाएगी।
बता दें कि, यह श्रीलंका में धान की खेती का मौसम है जो मई से अगस्त के बीच रहता है। श्रीलंकाई सरकार ने पिछले साल ऑर्गेनिक कृषि की ओर चरणबद्ध परिवर्तन के तहत रासायनिक उर्वरकों पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में ऑर्गनिक उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति की कमी से कृषि उत्पादन, विशेष रूप से चावल और चाय बुरी तरह से प्रभावित हुए और करीब 50 फीसद फसल के नुकसान के कारण भोजन की कमी का कारण बना। गोताबाया राजपक्षे ने कुछ हफ्ते पहले स्वीकार किया था कि रासायनिक उर्वरकों को 100 फीसद आर्गेनिक करने पर प्रतिबंध लगाने का उनका फैसला गलत था। किसानों ने चेतावनी दी है कि देश में चल रहे आर्थिक संकट में मध्य अगस्त तक भोजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि पिछले महीने, भारत ने श्रीलंका को धान की खेती के लिए तुरंत 65,000 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया था। श्रीलंका की ओर से कहा गया है कि, भारत से निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भी भारत सरकार ने श्रीलंका के अनुरोध पर यूरा की आपूर्ती करने का फैसला किया है।