भारत और रूस के बीच दोस्ती कितनी गहरी है वो यूक्रेन जंग में ही देखने को मिल गया। जब पूरी जब पुतिन के खिलाफ थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा रुख अपनाया की पूरी दुनिया का माथा चकरा गया। उन्होंने ना तो यूक्रेन का साथ दिया और ना ही रूस के खिलाफ गए। संयुक्त राष्ट्र में जब रूस के खिलाफ वोटिंग हुआ तो भारत पर भी पश्चिमी देशों दबाव बनाया लेकिन, भारत हर बार इससे अपने को अलग कर लेता। इसके साथ ही इस जंग के बाद भी रूस ने भारत को तय समय से पहले ही एस 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम दिया। साथ ही रूस ने भारत को सस्ते में तेल भी दिया। अब एक बार फिर से रूस अपने दोस्ती पर खरा उतरते हुए कहा है कि, यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को हम अपने यूनिवर्सिटीज में एडमिशन देंगे।
रूस-यक्रेन युद्ध के कारण पढ़ाई बीच में छोड़कर भागे भारतीय स्टूडेंट को रूसी यूनिवर्सिटीज एडमिशन देने की पेशकश करेंगे और इन छात्रों को पूर्व अकेडमिक सेशन के दौरान की गई पढ़ाई के नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा। नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि, छात्रों को रूसी विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा, जहां वे अपने संबंधित पाठ्यक्रमों को जारी रख सकते हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि, इन विद्यार्थियों को पिछले वर्षों के किए गए अध्ययन के नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बता दें कि, इस साल फरवरी में रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो वहां से 20 हजार से अधिक भारतीय छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया। अब रूस ने जो कदम उठाया है वो वाकई में बेहद राहत भरा है। ऐसे में इन छात्रों के भविष्य में अब कोई बाधा नहीं आएगी और वो अपना ऐकडमिक पूरा कर सकेंगे।