ब्राह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की खबरों से चीन और पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई हैं। चीन एक ओर पाकिस्तान की न्यूक्लियर क्षमता बढ़ा रहा है वहीं अपने न्यूक्लियर बेड़े को भी बढ़ाने में लगा है। चीन को अहसास है कि ब्राह्मोस से शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में चला गया है। चीन हाई एल्टीट्यूड पर वॉर ड्रिल भी इसीलिए कर रहा है ताकि वो दुनिया को दिखा सके कि ब्राह्मोस से उसकी आर्मी में को घबराहट नहीं है। साथ ही चीन भारत को दिखाना चाहता है कि किसी भी समय हमला किया जा सकता है। अभी कुछ दिन पहले रात के अंधेरे में 25 फाइटर जेट्स को एलएसी की तरफ भेजकर चीन एक गल्ती कर चुका है। जैसे ही चीन के फाइटर जेट्स ने एलएसी का रुख किया वैसे ही भारत ने वार्निंग शाट्स दाग दिए। भारत के वॉर्निंग शाट्स देखते ही चीनी फाइटर जेट्स दुम दबाकर भाग गए।
बात ब्राह्मोस हाइपर सोनिक मिसाइल की हो रही है। कहा जा रहा है कि पांच से छह साल में यह मिसाइल भारत के बेड़े में शामिल हो जाएगी। चीन भी जानता है कि भारत ने यह मिसाइल बना ली है। दुनिया को धोखे में रखने के लिए पांच से छह साल का समय दिया गया है। इस बारे में अधिकारिक बयान ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल राणे ने भी यही दिया है कि, ब्रह्मोस एयरोस्पेस हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में सक्षम है। पांच से छह वर्षों में हम ब्रह्मोस की ओर से अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल हासिल करने में सक्षम होंगे।
भारत की आजादी के 75साल पूरे होने पर, ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने सोमवार को 'सिल्वर जुबली ईयर' समारोह (2022-2023) की शुरुआत कार्यक्रम में अतुल राणे ने कहा कि इंडिया के सबसे सफल, अत्याधुनिक सैन्य साझेदारी कार्यक्रमों में से एक की अविश्वसनीय यात्रा को चिह्नित करने के लिए हमने दुनिया का सबसे अच्छा, सबसे तेज और सबसे शक्तिशाली आधुनिक उत्पादन किया है।
अपराजेय ब्रह्मोस के पहले सुपरसोनिक लॉन्च के 21गौरवशाली र्षं को चिह्नित करने के लिए 12जून से शुरू होकर रजत जयंती वर्ष समारोह 12फरवरी, 2021को ब्रह्मोस स्थापना दिवस पर समाप्त होगा। सिल्वर जुबली ईयर समारोह के दौरान, संयुक्त उद्यम इकाई ने कई प्रमुख कार्यक्रम बैठकें और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन करने की योजना बनाई है, जिसमें उद्योग भागीदारों की बैठक शामिल है, जो कि संयुक्त उद्यम के प्रमुख उद्योग भागीदारों के अमूल्य योगदान को उजागर करने के लिए है।
इसके अलावा, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली का संचालन करने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के योगदान और व्यावसायिकता को स्वीकार करने के लिए एक यूजर इंटरेक्शन मीटिंग भी होगी। मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने के उद्देश्य से मिसाइलों और एयरोस्पेस क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी व इसके प्रयोग पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की जानी है। भव्य समारोह का समापन 12फरवरी, 2023 (ब्रह्मोस स्थापना दिवस) पर होगा, जिसके दौरान महत्वपूर्ण कार्यक्रम होंगे।
बता दें कि, भारत को जिस दिन हाइपरसोनिक मिसाइल मिल गया उस दिन से चीन के साथ ही पाकिस्तान की टेंशन अधिक बढ़ जाएगी। ये दोनों देशों ही भारत के खिलाफ काम करते हैं। चाहे चीन का सीमा विवाद हो या पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देना हो। दोनों ही देश एक साथ मिल कर भारत के खिलाफ काम करते हैं। वैसे भी इन दिनों भारतीय सेना की बढ़ती ताकत तो देश इनकी टेंशन बढ़ी हुई है। अब और ज्यादा बढ़ जाएगी।