भाजपा प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा के एक बयान से शुरू हुआ बवाल बढ़ता ही जा रहा है। नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके चलते मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए थे। वहीं अब तो इस मामले ने तूल पकड़ ली है इसके बाद यह मामला कतर, ईरान, कुवैत और सऊदी अरब तक पहुंच चुका है। तो आइये जान लेते हैं कौन हैं पैगंबर मोहम्मद? जिनके खिलाफ विवादित बयान से पूरी दुनिया में हो रहा है हंगामा…
इस्लाम शब्द इब्राहिमी परंपरा से निकला अरबी मजहब है। जिसकी षुरूआर शुरुआत 7वीं सदी के अरेबिया में हुई। हालाँकि मुस्लिम समाज के लोग यह मानते हैं कि यह सृष्टि की रचना से ही विद्यमान है और इस्लाम अल्लाह के अंतिम रसूल, हजरत मुहम्मद के द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई ईश्वरीय किताब कुरान की शिक्षा पर आधारित है। कुरान के अलावा हदीस, सीरत और शरीयत भी धर्मग्रन्थ हैं
इस्लाम में सुन्नी, शिया समेत 73 फिरके हैं। इनकी अलग-अलग हदीसें हैं। अपनी-अपनी नमाज पढ़ने के तरीके भी अलग हैं। सूफ़ी समुदाय प्रमुख हैं और मुस्लिमों के धार्मिक स्थल मस्जिद तथा मज़ार हैं। अब अगर बात करें पैगंबर मुहम्मद की तो आप सभी को बता दें कि पैगंबर मुहम्मद को इस्लाम का आखिरी नहीं बल्कि सबसे सफल संचारक माना जाता है। आज मुस्लिम समाज के लिए पैगंबर मुहम्मद को अपना सब कुछ मानते हैं। हालाँकि आप सभी को यह जानकर आश्चर्य होगा कि पैगंबर मुहम्मद की कुल 9पत्नियां थीं। जी हाँ, और ऐसा कहा जाता है वह अपनी पहली पत्नी से सबसे अधिक प्यार करते थे, पैगंबर मुहम्मद की पहली पत्नी का नाम था खदीजा बिंत खुवेलाइद।
40 साल की खदीजा बिंत खुवेलाइद मक्का की एक अमीर व्यापारी थीं और विधवा भी। उन्होंने 24 साल के मुहम्मद के सामने निकाह का प्रस्ताव रखा, जो आगे चलकर इस्लाम के पैग़ंबर बने। खदीजा बिंत खुवेलाइद छह बच्चों की माँ थी और इस्लाम के शुरुआती विकास के समय उन्होंने एक अहम भूमिका निभाई। ऐसे में जब तक वह रहीं, वह मुहम्मद की एकमात्र पत्नी थीं, हालाँकि अप्रैल 620में उसकी मृत्यु हो गई।
पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी कुछ अहम बातें…
1. पैगंबर मुहम्मद के इंतकाल के बाद बरसों बाद कुरान लिखा गया है।
2- पैगंबर मुहम्मद ने किसी को कुरान लिखने का हुक्म भी नहीं दिया था।
3- पैगंबर मुहम्मद शुरुआती दौर में दमिश्क के एक अमीर के ऊंटों की देखभाल करते थे।
4- पैगंबर चुने जाने के बाद मक्का के अमीरों से उनकी कई लड़ाईयां हुईं और उन्हें मक्का छोड़कर मदीना जाना पड़ा
5- मक्का फतह करने के लिए पैगंबर तीन भयंकर युद्ध किए। तीसरे युद्ध में उन्होंने मक्का फतह किया और लेकिन वो वापस मदीना चले गए और निधन तक वहीं रहे।